26 अक्टूबर रुद्रपुर/तापस विश्वास
अपराधी मस्त पुलिस पस्त, जनता त्रस्त, इन दिनों जनपद ऊधम सिंह नगर और जिला मुख्यालय रुद्रपुर के हालात ऐसे ही हैं। अपराधियों के जेहन से पुलिस का खौफ निकल चुका है। अपराधियों के हौसले इतने बुलन्द है कि खुलेआम वारदात को अंजाम दे रहे है जिससे कानून व्यवस्था दिनों-दिन लचर हो गयी है। बीते कुछ दिनों से जनपद में बढ़ते आपराधिक घटनाओं से जिला थर्राया हुआ है चाहे काशीपुर में एक के बाद एक हत्या की वारदातें, जिला मुख्यालय रुद्रपुर में डकैती, हत्या, लूटपाट और गोलीकांड के साथ ही सितारगंज विधायक और कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा के हत्या की साजिश जनपद में कानून व्यवस्था की हकीकत को बताने के लिए काफी है। जनपद में बढ़ते अपराध पर पुलिस भले ही लिपापोती कर लें लेकिन यहां की धरातल की हकीकत कुछ और ही है।
पुलिस प्रशासन का कार्य जनता की सुरक्षा और सहायता करना है, परंतु वर्तमान संदर्भ में देखें तो आज आए दिन हत्या,बलात्कार, चोरी, डकैती जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। हर गली-मोहल्ले में ऐसी घटनाएं आए दिन हो जाती हैं जबकि पुलिस को चौकन्ना रहने की आवश्यकता है लेकिन घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में जनता का पुलिस की निष्क्रियता के कारण विश्वास खत्म होता जा रहा है। एक समय था जब व्यक्ति अपराध करने से पहले सोचता था, उसे पुलिस के नाम से भी डर लगता था, लेकिन आज वह भय खत्म हो चुका है। पुलिस के कुछ कर्मचारियों के निकम्मे होने की वजह से सारा प्रशासन बदनाम हो रहा और साख गिरने के लिए पुलिस स्वयं ही जिम्मेदार है।
हमारे जनपद पुलिस अपनी शक्तियों को भूल चुकी है। वह सिर्फ नेताओं के इशारों पर चलने वाली कठपुतली के समान कार्य करने लगी है। इससे उसकी छवि दागदार होती जा रही है। जिस दिन उसको अपनी शक्ति का एहसास हो जाएगा, उस दिन वह नेताओं के इशारों पर नहीं नाचेंगे। इसके बावजूद यह समझना होगा कि सभी पुलिसवाले गलत नहीं होते। कुछ लोग पूरे सिस्टम को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। इनकी पहचान कर इन्हें बाहर करना जरूरी है, तब कहीं जाकर पुलिस की छवि में कुछ सुधार आ सकता है।जनपद ऊधम सिंह नगर हो रहे वारदात से साफ है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ है ही नहीं। यदि पुलिस लगातार सक्रियता दिखाए तो अपराध कम हो सकते हैं। लेकिन पुलिस केवल सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की चापलूसी करती हुई ही दिख रही है।