प्रोजेक्ट ऑफिसर के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर 8 लाख 25 हजार रुपयों की धोखाधड़ी का एक हैरतअंगेज मामला प्रकाश में है। पुलिस ने कोर्ट के निर्देश पर धोखाधड़ी के उक्त प्रकरण में 2 लोगों के खिलाफ नामजद अभियोग पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू कर दी है।अभियुक्तों में एक राजनैतिक रसूख वाला बताया जा रहा है।
घटना के बारे में न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर मोहल्ला आर्य नगर सिंह क्लीनिक के पीछे महेशपुरा निवासी सेवानिवृत्त राजस्व उपनिरीक्षक शिव स्वरूप पुत्र खीम सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 की 2 मार्च को पड़ोस में रहने वाला बैंक कॉलोनी केपीसी स्कूल के समीप काशीपुर निवासी हरिदास पुत्र जयकिशन उसके घर आया और कहने लगा कि सचिवालय में उसकी अच्छी पकड़ है। प्रेम नगर देहरादून निवासी राजीव पांडे पुत्र कमलापति पांडे सचिवालय में सचिव है। उससे घरेलू संबंध है। वह पूर्व में 7लड़कों को सरकारी नौकरी दिला चुका है। इस तरह का झांसा देते हुए सेवानिवृत्त राजस्व उपनिरीक्षक को पड़ोसी ने भरोसे में लेकर उसके पुत्र राहुल को देहरादून में प्रोजेक्ट ऑफिसर के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर राजी कर लिया। उसने कहा कि तथाकथित सचिव को उसका नंबर दे दिया है। शिकायतकर्ता ने प्रार्थना पत्र में बताया कि कुछ देर बाद तथाकथित सचिव राजीव पांडे का उसके मोबाइल पर फोन आया। उसने भी नौकरी दिलाने की बात स्वीकारते हुए 7 लाख में सौदा तय कर लिया। वर्ष 2019 की 7 मार्च को सौदा तय होने के बाद पीड़ित पक्ष ने हरिदास को 4 लाख रुपयों की किस्त दी। इसके बाद पिता- पुत्र देहरादून पहुंचे जहां 7 लाख की बजाए 8 लाख रुपयों की डिमांड की गई। पिता पुत्र इसके लिए भी तैयार हो गए। उन्होंने हरिदास के माध्यम से पहले दो लाख इसके बाद एक-एक लाख रुपए बैंक खाते में जमा कराएं। 25 हजार रुपए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर भी लिए गए इस तरह कुल 8 लाख 25 हजार हड़प करने के बाद शातिर दिमाग ठगों ने पिता पुत्र को उनके हाल पर छोड़ दिया। तय समय के बाद जब शिकायतकर्ता ने तथाकथित सचिव से इस बारे में जानने का प्रयास किया तो आरोपियों ने उसके साथ गाली गलौज करते हुए मुंह खोलने की आवाज में जान से मारने की धमकी दी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी के मामले में जब वह न्याय की गुहार लगाने पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने उसे बैरंग लौटा दिया। फिलहाल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर न्यायालय ने धोखाधड़ी के उक्त मामले में दोनों आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए इसी पर हरकत में आई पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी के विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी।