उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत काशीपुर पहुंचे। जहां उन्होंने उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्होंने अपने सलाहकार रहे डॉ केएस पंवार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर बड़ा बयान दे डाला। उन्होंने आरोप लगाने वालों को ब्लैकमेलर और भेड़िया करार दिया है।
दरअसल उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गिरीताल क्षेत्र में बीजेपी नेता दीपक अग्रवाल और उदित अग्रवाल के निवास पर पहुंचे थे। जहां वे मीडिया से भी मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण से पहले और इन 22 सालों में उत्तराखंड में बड़ा परिवर्तन हुआ है। सड़कों का इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत तमाम क्षेत्रों में विकास हुआ है। प्रदेश में पर्यटन उद्योग विकसित हुआ है. बाहर से आने वाले पर्यटकों के चलते राज्य के राजस्व में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि विकास रुक गया है। अभी और भी बहुत कुछ होना है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड के लोग सृजनशीलता को मानते हैं अन्य राज्यों के मुकाबले यहां के निवासी विकास को लेकर एकजुट होकर आगे आते हैं। पौड़ी की बेटी अनामिका (बदला हुआ नाम) गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आरोपियों के बरी होने को लेकर त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कानून के जानकारों को इस बारे में ज्यादा जानकारी होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने सलाहकार रहे डॉ केएस पंवार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर बड़ी बात कही है उन्होंने आरोप लगाने वालों का नाम लिए बगैर तंज कसा उन्होंने कहा कि ये आरोप लगाने वाले ब्लैकमेलर और भेड़िये हैं राज्य की जनता को ऐसे लोगों को पहचानना होगा.मनी लॉन्ड्रिंग में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में सलाहकार रहे डॉ केएस पंवार को लेकर उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक तीन बार इस मामले में उन्हें क्लीन चिट दे चुका है राज्य सरकार की जांच में भी उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है इसके बावजूद कुछ षडयंत्रकारी तत्व ब्लैकमेलर और भेड़िये हैं, जो राज्य सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं हो रहे।
आपको बात दे देहरादून में सोशल बेनिफिट म्यूचुअल फंड लिमिटेड कंपनी के खिलाफ 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप के तहत पुलिस मुख्यालय ने आर्थिक अपराध शाखा को अग्रिम जांच के आदेश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, इससे पहले शासन के आदेश पर एसटीएफ ने प्रारंभिक जांच में पाया कि आरोपी म्यूचुअल फंड कंपनी ने आरडी और एफडी इन्वेस्टमेंट की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग की है। हालांकि अभी इसकी इन्वेस्टिगेशन इकोनॉमिक ऑफेंस विंग की ओर से पूरी होने के बाद ही पुष्टि होगी। जानकारी के मुताबिक साल 2017 से 2020 तक आरोपी सोशल बेनिफिट म्यूचुअल फंड कंपनी की ओर से निधि योजना के नाम से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध कार्य किया गया। इस मामले में वर्तमान में हरिद्वार के खानपुर विधायक उमेश कुमार ने शिकायत की। जिसके आधार पर प्रारंभिक जांच के बाद अब पुलिस मुख्यालय ने आर्थिक अपराध शाखा को इस पूरे मामले की जांच सौंपी। आरोप है कि साल 2017 से 2020 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार की पत्नी की ओर से इस नेचुरल फंड कंपनी निदेशक के तौर पर संचालित किया जा रहा था। इस मामले में राज्य में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ वी मुरुगेशन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के तथ्य सामने आए हैं। उसी के आधार पर ईओडब्ल्यू को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी गई है। विवेचना पूर्ण होने पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।