जनपद ऊधम सिंह नगर में इतिहासकार की पुस्तक में लिखी टिप्पणी पर आक्रोश बरकरार है। थारू समाज के वीरता के इतिहास को बदलने की साजिश का आरोप लगाते हुए थारू समाज के लोगों ने सोमवार को नगर में जोरदार प्रदर्शन किया। सितारगंज, नानकमत्ता क्षेत्र के दूर दराज के गांवों से पहुंचे लोगों ने मण्डी में सभा की। नगर में जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन करते हुए इतिहासकार के खिलाफ नारेबाजी की। मुख्य चौक पर प्रतियां फूंकी। यहां तहासीलदार के माध्यम से सीएम को मांग पत्र भेजा। बाद में कोतवाली पहुंचकर इतिहासकार के खिलाफ तहरीर देकर एसएसटी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
मण्डी में आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि इतिहासकार की लिखी किताब में अपमानजनक टिप्पणी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि थारू समाज महाराणा प्रताप के वंशज हैं। महाराणा प्रताप की वीरता के बारे में इतिहासकार को बताना जरूरी नहीं समझते। आरोप लगाया कि बदनीयति से उनका इतिहास बदलने की साजिश है। जिसका वास्तविकता से कोई सरोकार नहीं है। मण्डी से भारी तादात में लोग जुलूस निकालते हुए नगर के मुख्य चौक पर पहुंचे। यहां पुस्तक की प्रतिया जलायी। यहां से कोतवाली पहुंचकर तहरीर सौंपी। नगर में थारू समाज की भारी भीड़ उमड़ने से जाम की स्थिति बन गयी। कोतवाली प्रभारी प्रकाश सिंह दानू ने प्रदर्शनकारियों को समझाकर यातायात सुचारू रखा। थारू समाज के लोगों ने मुख्य चज्ञैक पर तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी के माध्यम से सीएम को मांग पत्र भेजा। जिसमें उत्तराखण्ड का समग्र राजनैतिक इतिहास में थारू समाज के पर की गयी अपमानजनक शब्दों को को प्रतिबंधित कर पुस्तक से हटाने की मांग की। कहा कि भविष्य में अपमानजनक परिस्थितियों से भुगतना पड़ सकता है। यहां श्रीपाल राणा, नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा, दान सिंह राणा, अशोक राणा, सुरेश राणा, भुवन राणा, रामकिशोर, धरम सिंह मौजूद रहे।