प्रधानमंत्री नरेंद्र उत्तराखंड के दौरे पर पहुंच गए हैं। पीएम केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन करेंगे। वे राज्य को करोड़ों की परियोजनाओं की सौगात देंगे। इस दौरान उनकी ड्रेस चर्चा का विषय बन गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तराखंड के दौरे पर पहुंचे हैं। उन्होंने सबसे पहले बाबा केदार के दर्शन और पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया। आदिगुरु शंकराचार्य की समाधिस्थल पर जार पुष्पांजलि अर्पित की। इसी बीच उनकी ड्रेस सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षिक कर रही है। बताया जा रहा है कि इसे हिमाचल प्रदेश की एक महिला ने हाथ से बनाकर पीएम को गिफ्ट किया था। प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में हिमाचल प्रदेश के दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्हें एक महिला ने खास चोला डोरा ड्रेस गिफ्ट की। चंबा की रहने वाली महिला ने इसे अपने हाथ से बनाया है। इस पर बेहतरीन हस्तकला है। पीएम ने महिला से वादा किया था कि जब भी वे किसी ठंडी जगह पर जाएंगे तो इसे जरूर बनाएंगे। केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान पीएम ने महिला से किए अपने वादे को निभाते हुए इस स्पेशल ड्रेस को पहना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली से पहले उत्तराखंड पहुंचे हैं। उनका यह दौरा काफी खास माना जा रहा है। पीएम राज्य को 3400 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे। वे आज भारत के आखिरी गांव माणा भी जाएंगे। जहां वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। यह गांव चीन की सीमा पर स्थित है। वे बदरी विशाल में रात्रि विश्राम करेंगे।
वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केदारनाथ में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया। परियोजना से जुड़े नेशनल हाईवे लॉजिस्टक मैनेजमेंट लिमिटेड के अभियंता ने बताया कि प्रधानमंत्री को वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के माध्यम से परियोजना के बारे में जानकारी दी गई।
खास बात ये है कि यह रोपवे केदारनाथ धाम तक करीब 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा। दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। वहीं, केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास करने के बाद पीएम मोदी आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल गए। वहां से लौटकर पीएम ने पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। इसके बाद वे बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुए। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास करने के बाद राज्य सरकार की यह कोशिश होगी कि रोपवे या केबिल कार का प्रोजेक्ट कम से कम एक से दो साल के भीतर बनकर तैयार हो जाए। सोनप्रयाग से बनाए जाने वाले केदारनाथ रोपवे या केबिल कार परियोजना का जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लि. को दिया गया है। एजेंसी परियोजना की डीपीआर तैयार कर रही है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि परियोजना को जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। करीब 9.70 किमी लंबी इस परियोजना पर 1268 करोड़ खर्च होंगे। जानकारों का कहना है कि केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए दो ही विकल्प हैं। पहला पैदल यात्रा का है, लेकिन यह बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगों के लिए दुष्कर है। दूसरा विकल्प रोपवे या केबिल कार का है, जो बच्चों, वृद्धों, जवानों व दिव्यांगों सभी की यात्रा को सुगम बनाने वाला है। वहीं केदारनाथ रोपवे बनने के बाद राज्य में हेली सेवाएं सीमित हो जाएंगी। हिमालय की सर्वाधिक खतरनाक घाटियों में से एक केदारनाथ के लिए हेली टैक्सी यात्रा बेहद जोखिम भरी मानी जाती है। रोपवे बनने के बाद हेली सेवा से केदारनाथ की यात्रा करने का क्रेज कम हो जाएगा। सुरक्षित और किफायती होने की वजह से यात्री रोपवे या केबिल कार के माध्यम से यात्रा करना ज्यादा पसंद करेंगे। ऐसी स्थिति में हेली सेवाएं सीमित हो जाएंगी।