रुद्रपुर में तैयार एपण और मोती की राखिया भारत में ही नही विदेशों में भी धूम मचा रही है। इन राखियो की बढ़ती मांग से महिलाओं को भी अच्छा खासा रोजगार मिल रहा है। और लोगों को स्वदेशी राखी मिल रही है।
कभी उत्तराखंड की एपण कला घरों की दहलीज तक दिखाई देती थी लेकिन बदलते समय के साथ साथ इस कला का विस्तार भी होता गया। आज यह एपण कला राखी, करवा चौथ की थाली, फ्लोर पॉट, टोपियों और अधिकारी के कार्यालयों के बाहर लगने वाली नेम प्लेट पर दिखाई देने लगी है लेकिन रक्षा बंधन के पर्व पर उत्तराखंड की यह मशहूर एपण कला हाथो पर भी सजी दिखाई देगी। रुद्रपुर में कई महिलाएं पिछले एक महीने से ए पण कला से कई तरह की राखियां तैयार कर रही है। इन राखियो की कीमत 20 से लेकर 300 रुपए तक है। इन राखियो की विदेशो में ही नही भारत में भी काफी मांग है। हिमाचल प्रदेश,अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, जयपुर आदि शहरों में एपण राखियो को काफी पसंद किया जा रहा है। एपण आर्ट की संचालिका दीपा मटेला बताती है कि इस बार एपण राखियो की काफी डिमांड है। खासकर इन राखियो की डिमांड आस्ट्रेलिया, दुबई, कुवैत में काफी देखी जा रही है वहा रहने वाले भारतीय मूल के लोग इसे खासा पसंद कर रहे है। इन राखियो को कोरियर से भेजा जा रहा है।एपण राखियो के साथ साथ इस बार मोती की राखियां भी तैयार की जा रही है। इन राखियो की भी ऑनलाइन बेचा जा रहा है।