उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार 2.0 का 100 दिन का कार्यकाल पूरा हो गया है। 23 मार्च को जब मुख्यमंत्री धामी ने शपथ ली थी तब शपथ के साथ ही बीजेपी संगठन और सरकार द्वारा सौ दिन का टारगेट भी तय कर दिया गया था लिहाज़ा अब सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड भी चेक किए जाने का समय पास आ रहा है। कैबिनेट मंत्री पूरी शिद्दत से यह रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हुए हैं धामी कैबिनेट के सभी मंत्रियों का दावा है कि उन्होंने तय टारगेट के मुताबिक सफलता हासिल कर ली है वही धामी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर ग्राम्य विकास विभाग ने कार्यक्रम आयोजित किया है सीएम धामी कार्यक्रम में मौजूद हैं।
उत्तराखंड की धामी सरकार 2.0 के 30 जून यानी आज 100 दिन पूरे हो गए हैं धामी सरकार के इन 100 दिनों के कामकाज का लेखा-जोखा देखें तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई बड़े फैसले लिए हैं वहीं सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सभी मंत्रियों के मंत्रालयों की रिपोर्ट कार्ड देखेंगे और उसकी समीक्षा करेंगे हालांकि किसी भी सरकार को 100 दिन में जज कर पाना मुश्किल होता है लेकिन फिर भी यह जानना बेहद जरूरी है कि इन 100 दिनों में क्या कुछ हुआ?
पुष्कर सिंह धामी ने 27 मार्च 2022 को बतौर मुख्यमंत्री अपना पदभार ग्रहण किया था। हालांकि, उस समय पुष्कर सिंह धामी के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाना कांटों भरे ताज से कम नहीं था. क्योंकि मुख्यमंत्री होते हुए भी वो खटीमा से चुनाव हार गए थे फिर भी पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा किया और उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज किया। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने सबसे बड़ी चुनौती उपचुनाव जीतकर अपनी सरकार और अपनी लाज बचाना था पार्टी ने तय किया गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चंपावत से उपचुनाव लड़ाया जाएगा चंपावत उपचुनाव में न सिर्फ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीत दर्ज की बल्कि रिकॉर्ड भी बनाया। वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उन वादों की जो उन्होंने चुनावों में प्रदेश की जनता से किए थे।
वही चंपावत उपचुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता को ये मैसेज देने की पूरी कोशिश की कि बीजेपी ने मेनिफेस्टो में जिन घोषणाओं का जिक्र किया है उन पर सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है 100 दिनों के अंदर ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता को न केवल कैबिनेट में मंजूरी दी बल्कि इस पर कमेठी का गठन भी किया। आपको बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी कर्मचारियों का भत्ता बढ़ाया वहीं समाज कल्याण विभाग से जारी होने वाली पेंशन की राशि भी बढ़ाई गई इसके साथ ही शिक्षामित्रों का मानदेय भी 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार किया गया इन घोषणाओं को पूरा करके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा और जनता को मैसेज दिया कि बीजेपी की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। इन सभी घोषणाओं के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना वो वादा भी पूरा किया जिसमें उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को हर साल तीन सिलेंडर देने की बात कही थी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस घोषणा को भी जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा इसके साथ ही इन 100 दिनों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई ऐसे फैसले लिए जिनका असर आने वाले दिनों में दिखाई देगा।
वही धामी सरकार अपनी कई योजनाओं और घोषणाओं को 100 दिनों के अंदर धरातर पर उतारने में तो कामयाब रही लेकिन देश की सबसे बड़ी उत्तराखंड चारधाम यात्रा को मैनेज करने में धामी सरकार फेल हो गई उत्तराखंड चारधाम यात्रा के शुरूआती चरण में जिस तरह से श्रद्धालुओं की मौत हुई उसने धामी सरकार की किरकिरी करा दी विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने के मौका मिल गया हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं की जिस तरह के रिकॉर्ड तोड़ संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड चारधाम यात्रा में पहुंचे उन्हें संभाल पाना सरकार के बस से बाहर हो गया था सबसे ज्यादा फजीहत तो सरकार की उस समय हुई जब उत्तराखंड चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालु लगातार दम तोड़ रहे थे और सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज दुबई में कार्यक्रम कर रहे थे और पर्यटकों को उत्तराखंड आने का न्यौता दे रहे थे।