उत्तराखंड में हाल ही में सभी पूर्व विधायकों ने अपनी एकजुटता दिखाते हुए खूब सुर्खियां बटोरी है। जब पहली बार राज्य में पूर्व विधायकों का एक संगठन एकजुट होता नजर आया। लेकिन वही अभी यह संगठन पूरी तरह से एकजुट हुआ भी नहीं था कि एक पूर्व विधायक ने ही संगठन की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पूर्व विधायक और उत्तराखंड के बड़े नेता रहे लाठी राम जोशी के नेतृत्व में कुछ दिन पहले उत्तराखंड के दर्जन भर पूर्व विधायकों ने मिलकर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी। उसके बाद इस बात की खूब सुर्खियां बनी थी कि प्रदेश में पूर्व विधायकों का एक संगठन भी अस्तित्व में आने जा रहा है। इस संगठन के आकार और उद्देश्य को लेकर के जब इन विधायकों से पूछा गया तो पूर्व विधायकों के संगठन ने अपनी भूमिका राज्य के विकास को लेकर चर्चा में होने वाले सार्थक प्रयासों को लेकर बताई। लेकिन अब एक पूर्व विधायक ने ही इस संगठन के की मंशा पर सवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल हाल ही में पूर्व विधायकों के संगठन का एक बड़ा कार्यक्रम विधानसभा में आयोजित किया गया। जहां पर ज्यादातर पूर्व विधायक मौजूद थे। जब इस कार्यक्रम और संगठन की दिशा सरकार विरोधी नजर आने लगी, तो पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने इस संगठन का बहिष्कार कर दिया। पूर्व विधायकों का यह संगठन पूर्व भाजपा विधायक राजेश शुक्ला के निशाने पर है। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि वह इस तरह के किसी भी संगठन को नहीं मानते हैं। जो एक राजनीतिक द्वेष भावना से बनाया गया हो। किच्छा से विधायक रहे राजेश शुक्ला का कहना है कि जिस तरह से शुरुआत में इस संगठन को लेकर बताया जा रहा था कि सभी पूर्व विधायकों के अनुभवों उनके कार्य शैली का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा में राज्य विकास के सार्थक प्रयासों के रूप में यह संगठन काम करेगा। उस तरह से इस संगठन की दिशा नजर नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि यह संगठन राजनीतिक द्वेष की भावना से बनाया गया है इसलिए वह इस तरह के संगठन को हरगिज स्वीकार नहीं करेंगे।