उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर ऋषिकेश के रोडवेज कर्मचारियों ने भी हड़ताल किया। इस दौरान रोडवेज कर्मचारियों ने परिवहन निगम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। साथ ही अपनी लंबित मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की। रोजवेज हड़ताल की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर ऋषिकेश में रोडवेज बसों के पहिए थमे रहे। रोडवेज कर्मचारियों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए परिवहन निगम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कई दौर की वार्ता के बाद भी परिवहन निगम ने उनकी मांगों पर अमल नहीं किया है। वहीं रोडवेज बसों की हड़ताल से यात्रियों को फजीहत झेलनी पड़ी। परिवहन विभाग ने प्राइवेट बसों का इंतजाम कर लोकल सवारियों को गंतव्य की ओर रवाना किया। जबकि यूपी और अन्य राज्यों से आने वाली बसों में दिल्ली के यात्रियों को भेजा गया। रोडवेज कर्मचारी मनोहर लाल ने कहा संविदा वाले कर्मचारियों को परिवहन निगम नियमित करने के लिए तैयार नहीं है। जबकि हर साल अनुबंधित बसों को बढ़ावा देकर परिवहन निगम घाटे का सौदा खुद करने में लगा है। कई कई महीनों तक रोडवेज कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दी जा रही है। जिससे कर्मचारियों के सामने आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा हमारी मुख्य मांग संविदा और विशेष श्रेणी में नौकरी करने वालों को नियमित करने, अनुबंधित बसों को हटाकर निगम की बसों की संख्या 2000 करने और मृतक आश्रितों को अन्य विभागों की तरह निगम में नौकरी देने की है। परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रवर्तन दल मोहित कोठारी ने बताया कि यात्रियों को फजीहत से बचाने के लिए लोकल मार्गों पर प्राइवेट बसों का इंतजाम किया गया है। यात्रियों को उनके गंतव्य की ओर भेजकर उन्हें राहत दी गई है यूपी और अन्य राज्यों से आने वाली बसों में दिल्ली और अन्य मार्गों के यात्रियों को भेजकर व्यवस्था बनाई गई है। यदि हड़ताल लंबी खींचती है तो प्राइवेट बसों को लंबे रूटों पर भी परिवहन विभाग सड़कों पर उतर सकता है।