उत्तराखंड प्रदेश में नगर निकाय और लोकसभा चुनाव से भाजपा अब एक बार फिर अपने पुराने जनाधार वाले नेताओं को साधने की कवायद शुरू कर दी है। माना जा रहा है की प्रदेश में सरकार शीघ्र ही पार्टी के लिए समर्पित नेताओं को लालबत्ती में सवार कर सकती है। ऊधम सिंह नगर में इसके लिए पूर्व सांसद बलराज पासी और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष उत्तम दत्ता के नाम चर्चाओं में में है।
सूत्रों की मानें तो जनपद ऊधम सिंह नगर के उत्तम दत्ता को लालबत्ती देकर भाजपा बंगाली समाज को साधने की कोशिश करेंगी। ऊधमसिंहनगर में बंगाली समाज के लोगों की विधानसभाओं में अच्छी खासी संख्या के साथ निर्णयक भूमिका है। वही विधानसभा चुनाव में भी जनपद ऊधम सिंह नगर से बंगाली समाज के लोगों ने कई विधानसभाओं से टिकट की मांग की थी लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था। इतना ही नहीं जपद ऊधम सिंह नगर के जिलामुख्यालय रुद्रपुर विधानसभा से उत्तम दत्ता ने भी टिकट की दावेदार की थी और उस वक्त की कुछ परिस्थित के अनुसार ऐसा माना जा रहा था दत्ता को विधानसभा का टिकट मिल सकता था लेकिन वह संभव नहीं हो पाया। जिससे नाराज दत्ता ने भी कुछ वक्त के लिए पार्टी से वगावत भी की थी। इतना ही नहीं उस वक्त दत्ता भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके थे। लेकिन कोलकाता से आई बंगाली समाज की विधानसभा प्रभारी ने उन्हें जैसे तैसे पार्टी के समर्थन के लिए मना लिया था। विधानसभा प्रभारी को उत्तम दत्ता दीदी कहकर संबोधित करते थे और दीदी के कहने पर ही वह पुनः चुनाव में पूरे दमखम के साथ भाजपा के लिए प्रचार करते भी नजर आए थे। सूत्रों की माने तो उस वक्त प्रभारी दीदी ने उन्हें कुछ उपाधि और सम्मान से नवाज ने का वादा भी किया था। ऐसे में अब विधान लोकसभा और निकाय चुनाव से पहले भाजपा दिल और मन से आज भी नाराज उन कार्यकर्ताओं को सम्मान देकर साधना शुरू कर दिया है जो आने वाले चुनावी वक्त में भाजपा के लिए काफी अहम साबित हो सकता है। भाजपा बंगाली समाज के बड़े नेताओं में सुमार उत्तम दत्ता को लालबत्ती देकर उनकी नाराजगी कम करने की तैयारी कर सकती है। इधर पूर्व सांसद बलराज पासी की बड़े नेताओं में गिनती की जाती है, वह चुनावों में पार्टी के लिए बड़ा चेहरा सावित होते हैं, ऊधम सिंह नगर में भी उनकी अच्छी पकड़ है, लेकिन भाजपा के लिए बड़ा चेहरा होने के बाद पार्टी ने उन्हें बड़े पद बैठने का मौका नहीं दिया है, इस बार उनका यह सपना पूरा हो सकता है, सूत्रों की मानें तो हाईकमान ने दोनों के नाम लगभग फाइनल कर दिए हैं। कभी दोनों को लालबत्ती मिलने की घोषणा हो सकती है।