उत्तराखंड के जनपद ऊधम सिंह नगर के काशीपुर में हुए बवाल की जड़ खनन माफिया और गैंगस्टर जफर है इसी की तलाश में यूपी की मुरादाबाद पुलिस सादी वर्दी में छापा मारने आई थी। यूपी पुलिस को डर था कि अगर वो उत्तराखंड पुलिस से छापे की जानकारी शेयर करते हैं तो जफर को इसकी भनक लग जाएगी। दरअसल ऊधम सिंह नगर पुलिस के साथ सेटिंग से ही जफर काशीपुर से अवैध खनन करके मुरादाबाद में बेचा करता था।
ऊधम सिंह नर के काशीपुर में यूपी के मुरादाबाद पुलिस की जिस खनन माफिया को लेकर स्थानीय लोगों से झड़प हुई वो बहुत ही शातिर है जफर नाम का ये गैंगस्टर इस बवाल की असली जड़ है। दरअसल पिछले महीने 13 सितंबर को खनन सिंडिकेट माफिया के खिलाफ मुरादाबाद पुलिस ने अभियान चलाया था इस दौरान एसडीएम और खनन अधिकारी को बंधक बना लिया गया था एसडीएम को बंधक बनाने वाले बदमाशों में सिंडीकेट माफिया मुहम्मद तैयब का भाई जफर भी था। यूपी पुलिस को इनपुट मिला था कि गैंगस्टर जफर ऊधम सिंह नगर के जसपुर में छिपा है इसी कारण आरोपितों की तलाश में यूपी पुलिस जुटी हुई थी बंधक बनाने के मामले में पुलिस लगातार गिरफ्तार अभियुक्त मुहम्मद तैयब के भाई जफर की तलाश में जुटी थी मुरादाबाद पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि हाल में यूपी क्षेत्र में तेजी से दी गई दबिश के बाद जफर ने बॉर्डर पार कर काशीपुर के कुंडा में बचने के लिए शरण ले रखी थी।
जिसके बाद बीते 13 सितंबर को एसडीएम और खनन अधिकारी को बंधक बनाने के मामले में पुलिस खनन सिंडीकेट माफिया के खिलाफ अभियान चला रही है पुलिस प्रशासन को सीधे चुनौती को मुरादाबाद पुलिस ने नाक का सवाल बना लिया इस मामले में मुहम्मद तैयब की गिरफ्तारी के बाद उसके दोनों भाई जफर और नबी फरार चल रहे थे पुलिस टीम को इनपुट मिला कि खनन कारोबार से जुड़े क्षेत्र कुंडा में एक सफेदपोश नेता के घर में बदमाश जफर छिपा है। पुलिस टीम ने बुधवार की शाम जफर की गिरफ्तारी के लिए ही दबिश दी थी। लेकिन इस दौरान खनन माफिया और यूपी के गैंगस्टर जफर के समर्थन में अनेक लोग आ गए। दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ के बाद गोलीबारी हो गई।
इस बीच गोलीबारी में गोली लगने से जसपुर ब्लाक के ज्येष्ठ प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई यूपी की मुरादाबाद पुलिस के पांच जवान घायल हो गए। मुरादाबाद में एसडीएम को बंधक बनाने के मामले में यूपी की ठाकुरद्वारा पुलिस अभी तक 14 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है इनमें मुख्य आरोपित मुहम्मद तैयब भी शामिल है। उसका बदमाश भाई जफर फरार चल रहा है। मुरादाबाद पुलिस के अनुसार उत्तराखंड और यूपी के बार्डरों पर डंपर को पार कराने के लिए जफर और मुहम्मद तैयब का नेटवर्क काम करता है। दोनों के गुर्गे इसके लिए वसूली करते थे और यह पैसा उत्तराखंड के कुछ सफेदपोश नेताओं और कुछ अफसरों तक भी पहुंचता था। गिरफ्तार आरोपियों का कहना है कि डंपर को बॉर्डर पार कराने के लिए एक हजार रुपये की वसूली की जाती थी। जफर और उसके भाई लंबे समय से इस काम को कर रहे थे। इस काम में उनके साथ सत्ता के करीबी नेताओं के साथ ही अफसरों की मिलीभगत रहने के भी आरोप हैं। वही मुरादाबाद पुलिस के मुताबिक मोहम्मद तैयब अमरोहा का रहने वाला है। तैयब और जफर काशीपुर की नदी से खनन कर मुरादाबाद व अमरोहा में अवैध तरीके से तस्करी करते थे ये दोनों माफिया भाई जब वाहनों में खनन सामग्री लेकर जाते थे तो हर जगह इनकी सेटिंग होती थी। खनन सामग्री तस्करी करके ये माफिया काशीपुर व जसपुर के रास्ते मुरादाबाद ले जाते थे. सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस रास्ते में महुआखेडगंज, मंडी पुलिस चौकी व सूर्या पुलिस चौकी भी पड़ती थी। लेकिन इन शातिरों ने पुलिस विभाग में ऐसी सेटिंग बिठा रखी थी कि इनके वाहन पुलिस को दक्षिणा देकर आसानी से मुरादाबाद निकल जाते थे।