जनपद ऊधम सिंह नगर के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की थमी जांच को एक बार फिर एसआईटी ने गति देनी शुरू कर दी है। जिला समाज कल्याण विभाग से मिले दस्तावेजों के आधार पर एसआईटी ने तीन स्थानों पर जाकर कॉलेजों से पूछताछ की और दस्तावेजों से मिलान भी किया।
इस मामले में जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 से 2017 के बीच उत्तराखंड में बड़े स्तर पर शैक्षिक संस्थानों द्वारा अनुसूचित जाति,जनजाति छात्र-छात्राओं के अपने संस्थानों में फर्जी प्रवेश दर्शाकर फीस प्रतिपूर्ति के रूप में समाज कल्याण विभाग से करोड़ों रुपये की धनराशि का गबन किए जाने से का मामला सामने आया था। वर्ष 2019 में गठित एसआईटी ने अपनी जांच करते हुए गिरफ्तारियां शुरू कर दी थी। एसआईटी ने शैक्षिक संस्था नों से संबंधित सभी दस्तावेजों और अभिलेखों की विस्तृत विवेचना करते हुए छात्रों के बयान दर्ज किए थे। जिसमें छात्रवृत्ति घोटाले की पुष्टि हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि 22 शैक्षिक संस्थानों के खिलाफ 10.88 करोड़ रुपये का गबन हुआ था। एसआईटी ने पहले चरण में बाहरी राज्यों के 304 शैक्षिक संस्थान व अध्ययनरत लाभार्थियों की जांच की गई। अनियमितता मिलने पर जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज, नानकमत्ता और खटीमा थाने में 60 केस दर्ज किए गए।