रुद्रपुर। नगर की मुख्य रामलीला में विगत रात्रि हनुमान की वापसी, विभीषण निष्काशन, विभीषण राम मित्रता, अंगद का पांव जमाना, रावण-अंगद संवाद, युद्ध की घोषणा, कुंभकर्ण को जगाना व कुंभकर्ण वध तक की लीला का मंचन हुआ। इससे पूर्व विगत रात्रि की रामलीला का उद्घाटन भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोरा एवं समाजसेवी हरीश मुंजाल, ध्रुव मुंजाल नें स़परिवार दीप प्रज्जवलित कर किया। रामलीला कमेटी ने समस्त आगंतुको को माल्यार्पण कर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। आज की श्रीरामलीला में सर्वप्रथम महाबली हनुमान रावण की लंका खाक करने के बाद किश्किन्धा वापस आते है। वह बताते है कि लंका मे माता सीता बहुत कष्ट में है। रावण उन्हें मानसिक रूप से ईतना प्रताड़ित कर चुका है कि अब वह आत्मघात जैसा कदम उठाने की सोच रही है। आप जल्द उन्हें रावण की कैद से मुक्त कराये। उधर लंका खाक होने के बाद रावण बहुत गुस्से में है। रावण और मेघनाद इसके लिये विभीषण के हनुमान की पूंछ जलाये जाने के मशविरे को जिम्मेवार बताते है। विभीषण-रावण में बहस के बाद विभीषण को लंका से बाहर निकाल दिया जाता है। अपमानित विभीषण किष्किन्धा में प्रभु श्रीरामचन्द्र राजनैतिक नियमों का हवाला देते हुये अपने अंतिम दूत के रूप में अंगद को लंका भेजकर सीता को वापस करने अथवा युद्ध के लिये तैयार हो जाने की चेतावनी देते है। रावण दरबार में रावण-अंगद की जोरदार बहस होती है। अंगद अपना पैर जमीन पर जमाकर उठाने की चुनौती देता है, रावण दरबार के समस्त शूरवीरो के विफल रहने के बाद जब स्वयं रावण अंगद के पैर पकड़ने लगता है तो अंगद उसे श्रीराम के पैर पकड़नें की सलाह देता है। इसके बाद दोनो तरफ से युद्ध की दुदुंभी बज उठती है। रावण अपने बलषाली भाई कुंभकर्ण को उसकी कुंभकर्णी नींद से जगाकर राम से युद्ध करने भेजता है, कुंभकर्ण पहले तो रावण को बहुत समझाता है, लेकिन रावण नहीं मानता। आखिरकार कुंभकर्ण युद्धभूमि में जाने का ऐलान करता है, जहां राम के हाथों कुंभकर्ण मारा जाता है। आज राम की भूमिका में मनोज अरोरा, लक्ष्मण की भूमिका में राजकुमार कक्कड, रावण की भूमिका में विशल भुड्डी, महाबली हनुमान की भूमिका में सुशील गाबा, अंगद की भूमिका में गौरव जग्गा, मेघनाद की भूमिका में रमन अरोरा, कुंभकर्ण की भूमिका मे अमन गुम्बर, गणेश भगवान की भूमिका में आशीष ग्रोवर आशू, जामवन्त की भूमिका में विशान अनेजा, विभीषण की भूमिका में सचिन आनन्द, सुग्रीव की भूमिका में पवन गाबा पल्ली, नल की भूमिका में सेनापति की भूमिका में आयुष्मान गाबा व कनव गंभीर, जोकर पार्टी की भूमिका में रामकृष्ण कन्नौजिया, गोला इदरीश, कक्कू शर्मा व गोगी नरूला आदि रहे। संचालन श्रीरामलीला कमेटी के मंच सचिव केवल कृष्ण बत्रा ने किया।