भ्रष्टाचार मुक्त शासन का छाती पीट-पीटकर दावा करने वाली भाजपा सरकार में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत के चलते प्रधानमंत्री आवास बनवाने के नाम पर धांधली का मामला सामने आया है। मामला ऊधम सिंह नगर के दिनेशपुर का है, जहां एक व्यक्ति ने आरटीआई के माध्यम से कई जानकारियां प्राप्त कर सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही उत्तराखण्ड शासन और उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा गया, लेकिन आरोप है कि जांच के नाम पर मामले को लंबित रखा जा रहा है।
दिनेशपुर निवासी ध्रुव वैध ने प्रधानमंत्री कार्यालय और कई विभागों को भेजे पत्र में दिनेशपुर नगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर बड़ा घोटाला होने का दावा किया है अब उनका यह दावा कितना सही है यह जांच का विषय है। फिलहाल मामला सुर्खियों में हैं और प्रदेश सरकार के तमाम दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है। ध्रुव ने इस मामले में आरटीआई के माध्यम से जानकारियां और साक्ष्य जुटाने के बाद नगर पंचायत के अधिकारियों, स्थानीय नेताओं और वार्ड नंबर 4 के सभासद पर धांधली का आरोप लगाया है। ध्रुव के अनुसार नगर पंचायत में लगभग 15 सौ मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवंटित हुए हैं मगर नगर पंचायत के अधिकारियों द्वारा कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर इस पूरे मामले में मोटी रकम का गबन किया गया है। इतना ही नहीं ध्रुव कुमार वैध ने दावा किया है कि नगर पंचायत में ज्यादातर पात्रों को सिर्फ पैसा देकर आवास दे दिए गए हैं। आवास के नाम पर लाभार्थियों से आवंटित धनराशि से मोटी रकम भी वसूली गई है।
बता दें कि 2017 से 21 तक पूरे देश में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीब और जरूरतमंद लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान उपलब्ध कराने के लिए धनराशि आवंटित की गयी। इसी क्रम में दिनेशपुर के जरूरतमंदों के लिए भी मकान के लिए धनराशि आवंटित हुई। ध्रुव के अनुसार नगर पंचायत के अधिकारियों और कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मिलकर इस योजना में आए धन का जमकर बंदरबांट किया है। धु्रव के इन दावों के बाद यहां यह सवाल भी खड़ा होता है कि जिस नगर पंचायत में इतना बड़े घोटाले को अंजाम दे दिया गया हो उसे सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार कैसे मिल गया।
हांलाकि खबर ऊधम सिंह नगर घोटाले की पुष्टि नहीं करता, खबर ऊधम सिंह नगर ध्रुव कुमार के दावों और शिकायती पत्र के आधार पर खबर को प्रकाशित कर रहा है, लेकिन जिस प्रकार के दावे किए जा रहे हैं उससे भाजपा सरकार के भय भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है।
दिनेशपुर के पूर्व ईओ और वार्ड नंबर 4 के सभासद पर लगाए आरोप: इस मामले में शिकायतकर्ता ध्रुव कुमार वैद्य ने दिनेशपुर नगर पंचायत के पूर्व ईओ और वार्ड नंबर 4 के सभासद के साथ ही कई और स्थानीय नेताओं पर धांधली करने का आरोप लगाया है। धु्रव कुमार के अनुसार जब इस मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही शासन के अधिकारियों व नेताओं को शिकायती पत्र भेजा तो जांच के आदेश भी हुए, लेकिन जांच की दुहाई देकर इस मामले को लंबित रखा जा रहा है। धु्रव की मानें तो इस योजना में धन आवंटित करने के नाम पर कई पात्रों के खातों में स्वीकृत धनराशि से अधिक धनराशि डाली गई, जिसे बाद में मिल बांटकर ठिकाने लगा दिया गया।
फिलहाल जीरो टॉलरेंस के बड़े-बड़े दावे करने वाली डबल इंजन की सरकार में यह मामला सुर्खियों में है और ध्रुव कुमार ने इस मामले की जांच शीघ्र पूरी कर शासन-प्रशासन से इसका पूरा खुलासा करने की मांग की है।