जनपद ऊधम सिंह नगर के काशीपुर पिता पुत्र ने सोची समझी साजिश के तहत तत्कालीन नगर पालिका व न्यायालय को गुमराह कर करोड़ों की संपत्ति का नामांतरण करा लिया। आरटीआई के माध्यम से धोखाधड़ी का मामला उजागर होने के बाद आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही की रूपरेखा तय की जा रही है। ज्ञातव्य है कि रतन सिनेमा रोड स्थित मोहल्ला गंज निवासी उमेश गुप्ता पुत्र सुखनंदन प्रसाद की रतन सिनेमा रोड पर कई दुकानें हैं जिसका वह पिछले लगभग 40 वर्षों से किराया ले रहे हैं। इस मामले में मानपुर रोड प्रकाश रेजिडेंसी निवासी अधिवक्ता हेमंत प्रकाश ने जब आरटीआई के माध्यम से सूचना मांगी तो तमाम चौकाने वाली बातें प्रकाश में आई। थ्री ब्रदर्स नामक प्रतिष्ठान के स्वामी उमेश गुप्ता ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे अधिकारियों को गुमराह कर वर्ष 1987-88 में संपत्ति अपने एक वर्षीय पुत्र वरुण को नामांतरण करा दिया। जबकि कानूनन ऐसा करना पूरी तरह से गलत है। इतना ही नहीं बल्कि वर्ष 2013 में सिविल कोर्ट काशीपुर को गुमराह करते हुए उक्त संपत्ति का सह स्वामी बताकर संपत्ति के बंटवारे हेतु डिक्री हासिल कर लिया। उमेश गुप्ता व कृष्णा गुप्ता ने कहा कि उनके पुत्र वरुण गुप्ता को उक्त संपत्ति का एकल स्वामी बना दिया जाए। वर्ष 2013 की 7 अगस्त को न्यायालय ने सुनवाई के दौरान वरुण गुप्ता को उक्त संपत्ति का एकल स्वामी घोषित कर दिया जबकि संपत्ति के स्वामी होने के साक्ष्य के रूप में उमेश गुप्ता उपरोक्त ने कोर्ट में नगर पालिका के हाउस टैक्स की मात्र रसीद लगाई थी। यह वही रसीद थी जिसमें उमेश गुप्ता ने अपनी एक वर्षीय पुत्र वरुण के नाम संपत्ति का नामांतरण कराया। सूत्रों की माने तो यह ताना-बाना आयकर विभाग को गुमराह करने के लिए रचा गया।बताया गया है कि रतन सिनेमा रोड पर स्थित दुकानों का किराया पहले उमेश गुप्ता वसूल किया करते थे। इसके बाद किराए की रकम की रसीद उनके नाबालिग पुत्र वरुण के नाम काटी जाने लगी। वर्तमान में दुकानों का किराया खुद वरुण वसूल कर रहे हैं। उधर इस बारे में जब अधिवक्ता हेमंत प्रकाश ने नगर आयुक्त से जानकारी लेने का प्रयास किया तो उन्होंने महज टैक्स जमा करने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया। अधिवक्ता हेमंत प्रकाश ने नगर आयुक्त को शिकायती पत्र देकर गलत तरीके से किए गए नामांतरण को खारिज करते हुए आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है।