प्लास्टिक पर भले ही प्रतिबंध लगा दिया गया हो, न्यायालय ने भी इसे हानिकारक मानते हुए इसके चलन पर रोक लगा दी हो, लेकिन लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले और नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले, चंद पैसों के लालच में, आज भी प्लास्टिक के इस कारोबार को रात के अंधेरे में कर रहे हैं, चोरी छुपे प्लास्टिक बनाने वाले ये उद्योग सभी की आँखों में धूल झोकते हुए अपने अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं, वहीं इनके इस कारोबार की किसी को भनक तक नहीं है, क्योकि ये कारोबार नामी कम्पनियों के बीच में एक छोटा सा प्लांट लगाकर सिडकुल के अंदर ही चल रहा है, जिसकी किसी को भनक तक नहीं है, आज हम करेंगे इस प्लास्टिक की फैक्ट्री का खुलासा जो चल रही है चोरी छुपे, और बना रही है प्रतिबंधित प्लास्टिक की सामग्री
फैक्ट्री का फोटो देख कर तो आप समझ ही चुके होंगे की ये प्लास्टिक के वो गिलास है जिस पर प्रतिबंध लग चुका है, और इसकी बिक्री पर भी रोक है, बावजूद इसके जनपद ऊधम सिंह नगर के जिलामुख्यालय रुद्रपुर पंतनगर सिडकुल की एक फैक्ट्री में आज भी ये प्रतिबंधित प्लास्टिक बन रहा है, और इस उद्योग को दिन के उजाले में नहीं बल्कि रात के अंधेरे में चलाया जा रहा है, जिससे किसी को भनक तक न लग सके, वहीं इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं है ये कहा नहीं जा सकता, लेकिन कुछ दिन पूर्व ही इस फैक्ट्री में एक विभाग ने छापेमारी भी की, लेकिन कार्रवाई क्या की ये तो पता नहीं, लेकिन उल्टे पैर जरुर लौट गयी, इसकी क्या वजह हो सकती है, ये जाहिर है, लेकिन इतने बडे स्तर पर बन रहे प्रतिबन्धित प्लास्टिक की फैक्ट्री के बारे में किसी को पता ना हो ऐसा हो नहीं सकता लेकिन कार्र्वाही क्यो नहीं होती और क्यों सम्बन्धित विभाग मौन है ये एक बडा सवाल जरुर खडा होता है, जो सम्बन्धित विभागों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खडा करता है, वहीं रसूकदार इस फैक्ट्री के संचालक बैखौफ अपने काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं, जिन्हे कार्र्वाही का कोई खौफ नहीं, वहीं मीडिया ने जब इस बारे में फैक्ट्री प्रबन्धन से बात करनी चाहि तो उन्होंने फोन पर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया, वहीं इस बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से बात की गयी तो उन्हने कहा कि मामले का संज्ञान लेकर उचित कार्रावही की जाएगी।