उत्तराखंड में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी का सपना देख रही कांग्रेस पार्टी के लिए समीकरण कुछ ठीक नहीं दिख रहे हैं। जहाँ एक ओर सत्ताधारी भाजपा और अन्य राजनैतिक दल पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में दावे, घोषणाओं, आश्वासन और वादों के साथ उतरी है तो कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी कलह खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। जनपद ऊधम सिंह नगर की किच्छा विधानसभा सीट पर कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई है। रूद्रपुर के बिलासपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित कांग्रेस बैठक में पहुचे नैनीताल – लोकसभा सीट के पर्यवेक्षक राजेश यादव के सामने किच्छा विधानसभा सीट से ताल ठोक रहे जी 7 कांग्रेस गुट का कार्यक्रम स्थल पर ही धरने पर बैठकर विरोध जताया। विरोध कर रहे सभी कांग्रेस नेताओं ने पर्यवेक्षक राजेश यादव के पूर्व विधायक तिलक राज बेहड़ को किच्छा विधानसभा क्षेत्र का प्रत्याशी बनाने का विरोध किया और उन्हें बाहरी प्रत्याशी बताया दिया। धरने पर कांग्रेस नेता हरीश पनेरु, पूर्व जिला अध्यक्ष नारायण बिष्ट , गणेश उपाध्याय, संजीव सिंह, पुष्कर जैन, राजेश प्रताप सिंह, सुरेश पपनेजा आदि शामिल थे। वहीं लोकसभा प्रवेक्षक राजेंद्र यादव ने इस प्रकरण को विरोध बताने से साफ इंकार कर दिया है उन्होंने कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं में मनमुटाव रहता है जिसे आपस में बैठकर सुलझा लिया जाएगा।
इतना ही नहीं सातो कांग्रेसी नेता पर्यवेक्षक के समक्ष धरने पर बैठकर भारी विरोध जताया है। कांग्रेस नेता हरीश पनेरू ने कहा कि पूर्व विधायक तिलकराज बेहड़ द्वारा किच्छा विधानसभा सीट से दावेदारी की जा रही है परंतु जिसको रुद्रपुर की जनता ने दो – दो बार के चुनाव में एक बार 40 हजार तो दूसरी बार 50 हजार वोटों से नकार दिया हो वह किच्छा से 2022 का विधानसभा चुनाव कैसे जीतेंगे। ऐसे में कांग्रेस द्वारा ऐसे व्यक्ति को टिकट देने का मतलब होगा कि स्वयं ही भाजपा के खाते में किच्छा विधानसभा सीट को दे देना।
आपको बता दें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और इस सीट के प्रबल दावेदार तिलकराज बेहड़ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं और इस बार किच्छा विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। उनके इस ऐलान का स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने विरोध करते हुए किच्छा विधानसभा के स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग कर विरोध के स्वर उठाए हैं। जब से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़ ने रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र छोड़कर किच्छा विधानसभा क्षेत्र में अपनी दावेदारी ठोकी है तब से वहां के स्थानीय दावेदारों ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़ का विरोध कर रहे हैं। किच्छा विधानसभा को हॉट सीट के रूप में भी देखा जा रहा है।
वहीं इस पूरे मामले में कार्यकारी जिलाध्यक्ष हिमांशु ने कहा कि जो भी हुआ है वो प्रवेक्षक के सामने हुआ है पार्टी हाईकमान जो भी निर्णय लेगा उसको अमल में लाया जाएगा। वही पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने अपने विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए बोले कि मुझे बाहरी बताने वालो के लिए बता दूँ कि किच्छा विधानसभा क्षेत्र का ही निवासी हूँ और मेरा पैतृक गांव मालशा में है और दावेदारी करना मेरा लोकतांत्रिक हक है। 7 क्या 100 भी अगर मेरे विरोध में खड़े हो जाएं तब भी मैं चुनाव लड़ूंगा। अब ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि किच्छा विधान सभा सीट से खुद को प्रवल दावेदार बताने वाले पूर्व विधायक तिलक राज बेहड़ किस प्रकार 2022 का विधानसभा चुनाव जीत पाएंगे जबकि उनकी ही पार्टी के किच्छा के सातों मजबूत स्तम्भ उनके खिलाफ खुलकर विरोध में आ गए है