देश को संपूर्ण स्वच्छ बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं इन्ही प्रयासों में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी इसके तहत, देश में सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके 2 अक्टूबर, 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक स्वयं को ‘खुले में शौच से मुक्त’ (ओडीएफ) घोषित किया लेकिन उत्तराखंड के खटीमा में आज भी लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं।
जनपद ऊधम सिंह नगर के विधानसभा खटीमा के यूपी सीमा से सटे हल्दी घेरा गांव के गुर्जर समाज के 100 परिवार खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन योजना को पलीता लग रहा है खटीमा के हल्दी घेरा ग्राम सभा में 50 सालों से बसे लगभग 100 गुर्जर परिवार शौचालय के अभाव में आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा समाज को स्वच्छ बनाने और घरों में शौचालयों का निर्माण करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रधानमंत्री शौचालय योजना को लागू किया गया। इससे जरिए देश के उन नागरिकों के घरों में शौचालय बनाए जाएंगे जो आर्थिक तंगी का शिकार हैं लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि दो वर्ष पूर्व गुर्जर समाज के लोगों ने शौचालय के लिए आवेदन किया लेकिन सुनवाई नहीं होने के कारण आज भी लगभग 100 परिवार कुल आबादी लगभग तीन सौ से अधिक लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के चलते खुले में शौच जाने से जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है।