जनपद ऊधम सिंह नगर के किच्छा विधानसभा में नगला को नगर पालिका बनाने की अधिसूचना के बाद एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। एक ओर बीजेपी जहां इस क्षेत्र के विकास के लिए ऐतिहासिक कदम बता रही है। वहीं दूसरे ओर कांग्रेस नगला के अस्तित्व बचाने की बात कह रही है।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ऊधम सिंह नगर किच्छा विधानसभा में नगला नगर पालिका बनाने की अधिसूचना जारी होने के बाद क्षेत्र में सियासत गर्माने लगी है। जहां बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने में जुटी हुई है। वहीं कांग्रेस इसे चुनावी स्टंट करार देते हुए भाजपा के विधायक पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रही है। दरअसल किच्छा विधानसभा के नगला और फूलबाग क्षेत्र को मिलाकर नगला नगर पालिका बनाने की अधिसूचना जारी हो चुकी है। बीजेपी इस मुद्दे को आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भुनाने में जुटी हुई है। स्थानीय विधायक राजेश शुक्ला का क्षेत्र के कार्यकर्ता बड़ी गर्मजोशी के साथ स्वागत में जुटे हुए हैं। बीजेपी कार्यकर्ता जलूस निकाल कर विधायक का आभार जता रहे हैं। नगला को नगर पालिका बनाने के बाद सियासी फायदे की उम्मीद से उत्साहित बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला लोगों को लाभ मिलने और सरकार की तमाम योजनाओं से क्षेत्र के विकास की बात कह रहे हैं।
वही नगला को नगर पालिका बनाने की अधिसूचना जारी होने के बाद कांग्रेस भी मैदान में कूद चुकी है। कांग्रेस इसे स्थानीय लोगों के साथ छलावा बता रही है। कांग्रेस नेता हरीश पनेरू ने कहा कि नगला के अस्तित्व पर संकट का बादल अभी भी छाए हुए हैं। नैनीताल हाइकोर्ट ने नगला क्षेत्र स्थित सरकारी जमीनों से 700 से अधिक परिवारों को हटाने का आदेश दिया जा चुका है। हरीश पनेरू ने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसके अलावा केंद्रीय सड़क मंत्रालय द्वारा भी किच्छा से नगला बाईपास तक फोरलेन को मंजूर दे दी है। अतिक्रमण हटने और फोरलेन बनने की दशा में नगला का अस्तित्व ही खत्म होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार को लोगों को उजड़ने से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. हरीश पनेरू ने कहा कि बीजेपी विधायक जनता को गुमराह करने में जुटे हुए हैं।