जनपद ऊधम सिंह नगर के काशीपुर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दरकिनार करते हुए एक और सिरफिरे ने दहेज की खातिर पत्नी को तीन तलाक दे दिया। इस मामले में पुलिस ने पति व नंद समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की पड़ताल शुरू की है। घटना के बारे में पुलिस को तहरीर देकर दौलपुरी, बमनिया भगतपुर जनपद मुरादाबाद उत्तर प्रदेश निवासी मौसमा पुत्री अशफाक ने बताया कि वर्ष 2021 की 18 अप्रैल को उसका निकाह मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार मोहल्ला कटोराताल पीएम हाउस के समीप काशीपुर निवासी फाजिल पुत्र शकील मुन्ना के साथ धूमधाम से हुआ। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि शादी के कुछ दिन ठीक-ठाक बीते लेकिन इसके बाद पति का असली रूप उसके सामने आ गया। पीड़िता का आरोप है कि पति मोबाइल फोन पर बाहरी औरतों से अश्लील बातें किया करता है। वह घर से अक्सर गायब हो जाया करता था। उसके तमाम बाहरी औरतों से संबंध हैं। वह अय्याश किस्म का है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि इस बारे में जब उसने पति से पूछने का प्रयास किया अथवा विरोध किया तो उसकी बुरी तरह पिटाई की गई। इस बीच पीड़िता ने एक पुत्री को जन्म दिया जो अब लगभग 6 माह की है। पीड़िता का आरोप है कि बीते 22 अगस्त को उसका पति शाम को घर से गया और रात भर घर नहीं लौटा। दूसरे दिन घर वापस आने पर जब उसने इस बारे में पूछताछ की तो पति ने पत्नी को बुरी तरह मारते हुए बेदम कर दिया और परिजनों के सामने गुस्से में उसे तीन तलाक देकर पहने हुए कपड़ों में ही धक्के मारकर घर से बाहर निकाल दिया। मासूम बच्ची को लेकर पीड़िता वही समीप रहने वाले एक रिश्तेदार के घर चली गई। यहां से उसने अपने भाई दानिश को फोन कर बुलाया। भाई रिश्तेदार के घर पहुंचा। वहां से बहन को लेकर उसकी ससुराल गया और ससुरालियों को समझाने का प्रयास करने लगा। लेकिन उसकी बातों का आरोपियों पर कोई असर नहीं। आरोपियों ने पीड़िता के भाई दानिश पर लाठी-डंडे तथा लोहे की रॉड से प्राणघातक हमला करते हुए उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस दौरान गुस्से से लाल ससुर ने पीड़िता को लैट्रिन के गटर में काटकर डाल देने की धमकी दी तो नंद ने भाई को भाभी के चेहरे पर तेजाब डालने के लिए उकसाया। पुलिस ने इस मामले में पीड़िता की तहरीर के आधार पर पति फाजिल के अलावा मोहम्मद जावेद, तंजीम पुत्रगण शकील मुल्ला समेत शकील मुल्ला तथा उसकी पुत्री जेनब के खिलाफ धारा 498 ए/323/ 504/ 506 के अलावा मुस्लिम विवाह संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत करते हुए मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
तपस कुमार विश्वास
संपादक