नैनीताल जिले के हल्द्वानी में डॉक्टर से रंगदारी के मामले में जो नया मोड़ आया है आपको भी सोचने को मजबूर कर देगा यदि आप भी अपने बच्चों को हाथ में फोन देने के बाद उन पर नजर नहीं रखते हैं तो मुश्किल हो सकती है 10 साल के बच्चे ने पिता के फोन से कुछ ऐसा किया कि उत्तराखंड से लेकर यूपी तक भी पुलिस हिल गई थी।
इस मामले में उत्तर प्रदेश के हापुड़ से हिरासत में लिए गये पिता-पुत्र से पूछताछ में कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं दरअसल फोन कॉल पर रंगदारी मांगने और रंगदारी नहीं देने पर बच्चे के अपहरण की धमकी देने वाला एक तीसरी क्लास में पढ़ने वाला 10 साल का बच्चा है हालांकि ये कोई सामान्य बच्चा नहीं है स्कूल में हर सब्जेक्ट में अव्वल रहने वाला तेज दिमाग बच्चा है. हर कक्षा में फर्स्ट आने के कारण उसे क्लास का हेड ब्वॉय भी बनाया गया है पुलिस को बच्चे से बातचीत में पता लगा कि 10 साल का ये बच्चा काफी टेक्नो फ्रेंडली है उसे सोशल मीडिया की भी काफी जानकारी है यहां तक कि बच्चे ने अपना यूट्यूब चैनल भी बना रखा है. वो फुटबाल खेलना पसंद करता है और दुनिया के जाने-माने खिलाड़ी रोनाल्डो उसके फेवरेट हैं ये बच्चा बालीवुड सिंगर टोनी कक्कड़ का फैन है और टोनी के हर गाने को पसंद करता है बस टोनी के इन्हीं गानों से इस केस की शुरुआत होती है. दरअसल, ये बच्चा अपनी मां के फोन पर ही ये सब काम करता था. सोमवार (9 मई) शाम को जब उसकी मां घर के काम में व्यस्थ थीं, इसी बीच उसने यूट्यूब पर सिंगर टोनी कक्कड़ का गाना सुना जिसका टाइटल था- ‘नंबर लिख’ इस गाने में एक लाइन है जिसमें टोनी कहते हैं- नंबर लिख 98971…हमको अंग्रेजी आती है कम…डम डिगा डम डिगा डम…
बस गाना सुनना था कि बच्चे के मन में विचार आया कि क्यों न इस नंबर को मिलाकर देखा जाए उसने मां का फोन उठाया और 98971… के आगे अपने मन से पांच नंबर डिजिट को जोड़कर एक अनजान नंबर मिला दिया. नंबर था डॉक्टर वैभव कुच्छल का. जैसे ही डॉक्टर साहब ने कॉल उठाई तो बच्चे ने तीन करोड़ देने और न देने पर बच्चे के अपहरण की धमकी दे दी।
आपको बता दे हल्द्वानी के रामपुर रोड पर डॉ. वैभव कुच्छल का गर्व डायग्नोस्टिक सेंटर एंड हास्पिटल व आवास है. डॉ. वैभव ने पुलिस को बताया कि 9 मई की शाम करीब छह बजे उन्हें एक अज्ञात नंबर से काल आई पहली बार आवाज सुनने में लगा कि कोई बच्चा बात कर रहा है डॉक्टर वैभव के मुताबिक दोबारा काल कर धमकाते हुए तीन करोड़ की डिमांड की गई. रकम न देने पर बच्चे के अपहरण की धमकी दी गई. उसके बाद भी उसी नंबर से काल आया, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया. डॉ. वैभव कुच्छल इसलिए भी ज्यादा घबरा गए थे क्योंकि इससे पहले यूपी के मुजफ्फनगर में उनकी मां की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद वे हल्द्वानी में आकर बस गए थे.पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर अज्ञात व्यत्ति के विरुद्ध रंगदारी और धमकाने का मुकदमा दर्ज कर लिया था. कॉल लोकेशन ट्रेस की गई तो उत्तर प्रदेश के हापुड़ में मिली. हल्द्वानी पुलिस टीम हापुड़ पहुंची और वहां एक कॉलोनी में फर्नीचर कारोबारी के घर पहुंची. पता चला कि वो फोन कारोबारी ने नहीं बल्कि उनके 10 साल के बेटे ने किया था. इसके बाद पुलिस पिता-पुत्र को लेकर रात में ही हल्द्वानी आ गई. अब पुलिस मामले के खुलासे की बात कह रही है. हालांकि डॉक्टर वैभव केस सुलझने की बात से इनकार कर रहे हैं उनका कहना है कि बच्चे की आवाज और मोबाइल पर सुनी गई आवाज एक नहीं है. उन्होंने पुलिस से मामले की डिटेल जांच करने की मांग की है।
इस पूरे मामले में एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि मोबाइल बरामद कर जांच पड़ताल की गई तो पूरे मामले में रंगदारी जैसा कोई मामला सामने नहीं आया. बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर केयर (सीडब्ल्यूसी) को सौंपा गया जहां सीडब्ल्यूसी ने बच्चे से पूछताछ के बाद परिवार को सौंप दिया है बच्चे को अपनी गलती पर पछतावा है. फिलहाल पुलिस ने बच्चे के पिता से भी पूछताछ कर दोनों को घर वापस भेज दिया है।