राज्य में बिजली संकट जारी है। ऊर्जा निगम अब तक करोड़ों की बिजली खरीद चुका है। बावजूद संकट टला नहीं है। बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर पाटने के लिए उत्तराखंड रोज लगभग 16 करोड़ रुपये की अतिरित्तफ बिजली खरीद रहा है। इस के बाद भी राहत मिलती नहीं दिख रही। हांलाकि पिछले दिनों पांच से आठ घंटे की अपेक्षा अब राज्य के फर्नेश उद्योगों में दो जबकि छोटे शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक घंटे की कटौती की जा रही है। राज्य में शुक्रवार को बिजली की मांग 47.44 एमयू तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। इसके सापेक्ष 45.24 एमयू की व्यवस्था हो चुकी है। 2.2 एमयू की जो कमी बची है, उसे भी रियल टाइम मार्केट से लेने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को बिजली के इंतजाम के क्रम में बाजार से 14.15 एमयू बिजली खरीदी जा चुकी है। ऐसे में संभावना यही जताई जा रही है कि शुक्रवार को फर्नेश उद्योगों में दो घंटे, ग्रामीण और छोटे शहरों में एक घंटे तक का पावर कट रह सकता है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि आम जनता को पर्याप्त बिजली देने को सप्लाई सामान्य रखने के लिए सभी संसाधन झोंक दिए गए हैं। उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से अधिक बेहतर बिजली सप्लाई हो रही है। यूपीसीएल बैंकों से एफडी के विरुद्ध लोन लेकर बाजार से बिजली खरीद रहा है। एक्सचेंज से बिजली खरीदने को कंपनियों को एडवांस भुगतान करना पड़ रहा है। वर्तमान में यूपीसीएल का अपना नगद राजस्व लगभग खत्म है। ऐसे में बैंकों से ओवरड्रा किया जा रहा है। 250 करोड़ रुपये की ओवरड्रा लिमिट के सापेक्ष यूपीसीएल 100 करोड़ से अधिक का ओवरड्रा कर चुका है। राज्य में 321 मेगावाट के गैस पावर प्लांट बंद हैं। इन्हें चलाने को गैस कंपनियों ने एक प्रस्ताव गुरुवार को यूपीसीएल के सामने रखा। बताया कि कंपनियां गैस खरीद को इंडियन आॅयल कारपोरेशन में रिवर्स बिडिंग का प्रयास करेंगी ताकि सस्ती गैस उपलब्ध हो सके। यूपीसीएल ने सभी विकल्पों पर काम करने पर जोर दिया। वहीं शुक्रवार को यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक ने राज्यावासियों से बिजली की खपत को कम करने की अपील की है। राज्य में बिजली की आपूर्ती के लिये निरंतर प्रयास किया जा रहा हैं। अपील के अनुसार वर्तमान समय में कोयला संकट और अन्तर्राष्ट्रीय गैस कीमतों के आकस्मिक रूप से बढ़ने के कारण एवं उत्तरी क्षेत्रीय ग्रिड में आ रही अस्थिरता के कारण दिड ऊर्जा संकट से गुजर रहा है तथा पावर एक्सचेज में भी विद्युत मूल्य बहुत अधिक हो गया है तथा विद्युत उपलब्धता में कमी आयी है, जिससे हमारा राज्य भी प्रभावित है। चूंकि देश भर में तापमान में अचानक अप्रत्याशित वृद्धि के फलस्वरूप ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ी है तथा मांग के सापेक्ष उत्पादन उपलबन होने के कारण ऊर्जा की कमी से गुजरना पड़ रहा है। प्रदेश के सभी श्रेणी के सम्मानित उपभोत्तफाओं को सुचारू विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिये कारपोरेशन निरन्तर प्रयासरत है। वर्तमान संकट के दृष्टिगत विद्युत मांग एवं आपूर्ति में सुधार होने तक सम्मानित उपभोत्तफाओं से सविनय अनुरोध है वे इस संकट कि घड़ी में अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान करें तथा आवश्यक तानुसार विद्युत उपकरणों का मित्तव्ययता से उपयोग करें। इस क्रम में विद्युत संरक्षण हेतु निम्न बिन्दुओं का अनुपालन करें तथा इससे विद्युत बिल में भी बचत प्राप्त होगी।विद्युत उपकरणों जैसे पंखा, टड्ढूबलाईट, फ्रिज, एसी0 इत्यादि का मितव्ययता से उपयोग करें। 2 ए0सी0 की सैटिंग 24 डिग्री पर ही रखना सुनिश्चित करें। 1 जब सदस्य एक कक्ष से दूसरे क्या में जाते है तो उस क्स की लाईट/ पखा/ए0सी0/ कूलर इत्यादि को स्विच आॅफ कर के ही प्रस्थान करना सुनिश्चित करें। 4 परिसर/कौरिडोर/शौचालय एवं अन्य स्थानों पर दिन के समय में जब पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी होती है तब लाईट एवं पंखों का उपयोग न करें। 5. घर में स्थापित गीजर/कम्प्यूटर/टेलिविजन आदि बिना किसी कार्य से अनावश्यक रूप से पूरा दिन न खुले रहने दें। 6. अपने बच्चों को विद्युत मितव्ययता के सम्बना में जागरूक करायें। विद्युत उपभोत्तफाओं को अन्धी एवं 24ग्7 सेवा देने के लिये पावर कारपोरेशन निरन्तर प्रयासरत है। वर्तमान ऊर्जा संकट के समय आपका सहयोग अपेक्षित एवं प्रार्थनीय है।
वही राज्य में बिजली संकट को देखते हुए अब ऊर्जा निगम ने बिजली बचाने के लिए पहल शुरू की है। बिजली विभाग के दफ्तरों में सुबह 11 बजे से पहले कोई भी एसी 24 डिग्री तापमान पर ही चला सकेंगे। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने सभी कार्यालयाध्यक्षों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में लगातार बिजली किल्लत चल रही है। गर्मी के साथ ही बिजली की डिमांड भी बढ़ती ही जा रही है। इसको देखते हुए ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक ने अपने सभी दफ्रतरों में सख्ती शुरू कर दी है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि किसी भी दफ्रतर में सुबह 11 बजे के बाद ही एसी चले। एसी की सेटिंग 24 डिग्री पर ही रखना सुनिश्चित करें। जब भी कोई अधिकारी, कर्मचारी किसी विभागीय काम से या भोजन के लिए कार्यालय में अनुपस्थित हो तो लाइट, पंखा, एसी, कूलर आदि को बंद करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि परिसर, काॅरिडोर, शौचालय और अन्य स्थानों पर दिन के समय में जब प्राकृतिक रोशनी होती है, तब लाइट व पंखों का इस्तेमाल न किया जाए। जहां तक संभव हो सके, एक कक्ष में एक से अधिक अधिकारी अपने कार्यों को बैठकर पूरा करें। दफ्रतर में लगे हुए कंप्यूटर, प्रिंटर को बिना आवश्यक कार्य दिनभर खुला न रखा जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को बिजली बचत के प्रति जागरूक रखें।