उत्तराखंड प्रदेश में सभी दलों में जिताऊ उम्मीदवारों की खोज का अभियान शुरू हो गया है। कांग्रेस ने भी प्रदेश के सभी विधानसभाओं में अपने जिताऊ प्रत्याशी के चयन के लिए तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेेटी का गठन किया गया है। उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी वर्ष 2022 के चुनाव वर्ष 2017 की गलतियों को नहीं दोहराना चाहती है। इसलिए इस बार हर कदम संजीदगी और बड़े चिंतन मनन के बाद ली जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ने पुरे प्रदेश में अभी तक की कवायद को देखकर तो यही लग रहा है। उधर भाजपा भी शीघ्र ही स्क्रीनिंग कमेटी का गठन करने जा रही है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस पार्टी की आज यानि बुधवार को स्क्रीनिंग कमेटी की अहम बैठक होने जा रही है। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद कोर कमेटी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्षों के साथ बैठक, अनुषांगिक संगठनों और जिला अध्यक्षों के साथ विभिन्न चरणों में बैठकें आयोजित की जाएंगी। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी बैठक में भाग लेने पहुंचेंगे और शाम को वापस दिल्ली रवाना हो जाएंगे। तो वही प्रदेश मुख्यालय के कांग्रेस कार्यालय में होने वाले बैठकों में 5 चरणों में विधायकी के दावेदारों का भविष्य का निर्णय लिया जाएगा।
वर्ष 2017 के विस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया था। पार्टी मात्र 11 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। चुनाव में मिली इस करारी हार के बाद की गई समीक्षा में मोदी लहर के साथ जो एक महत्वपूर्ण तथ्य निकलकर सामने आया था, वह था पार्टी की ओर से सही उम्मीदवारों का चयन न कर पाना। प्रदेश की बहुत सी सीटों पर चुनावी गणित सही उम्मीदवारों का चयन न होने की वजह से गड़बड़ा गया। हालांकि कुछ सीटों पर हार का अंतर मामूली था। ऐसे में पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा से पहले स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कर अपनी कवायद शुरू कर दी है। पार्टी इस बार जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश के लिए अपनी ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। वर्ष 2017 के विस चुनाव में जीतकर आए सभी विधायकों को पार्टी पुन: मैदान में उतार सकती है। वैसे तो अंतिम उम्मीदवारों के नामों की घोषणा बाद में की जाएगी, लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो सभी सीटिंग विधायकों का टिकट पक्का है।