उत्तराखंड के जनपद ऊधम सिंह नगर के शिक्षा विभाग में एक बार फिर एक बड़ा फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। एक दो नहीं बाल्कि नौ शिक्षा कर्मियों पर फर्जी प्रमाण पत्रों के बदौलत नौकरी करने का आरोप लगाया गया। शुरुआती जानकारी में शिकायतकर्ता का नाम सुब्रत विश्वास बताया गया और जानकारी मिली कि युवक ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर,जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर प्रदेश के कई बड़े और संबंधित अधिकारिओं से की है। जिसमे मामले की निष्पक्ष जांच की भी मांग की गई है। फिलहाल मामले की जांच खंड बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास है।
जानकारी के अनुसार जनपद ऊधम सिंह नगर के जिला मुख्यालय रुद्रपुर में बंगाली समाज के समाजसेवी सुब्रत विश्वास के नाम से जिले के जिलाधिकारी और शिक्षा अधिकारी के साथ प्रदेश के कई और बड़े अधिकारियों को एक पत्र लिखकर बंगाली समुदाय से जनपद के विभिन्न विद्यालयों में अध्यापक की भूमिका में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं के जाति प्रमाण पत्र और शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच की मांग की गई है। बताया गया कि दिनेशपुर रुद्रपुर और शक्तिफार्म में सरकारी विद्यालयों में कार्यरत बंगाली समुदाय के अध्यापक अध्यापिका के खिलाफ प्रमाण पत्रों को लेकर जांच की मांग की गई है। पत्र के अनुसार बंगाली समुदाय से जुड़े टीचरों के जाति प्रमाण पत्र और कुछ और प्रमाण पत्र फर्जी होने की अंदेशा जताई गई है। फिलहाल इस मामले में खंड बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपी गई है।
वहीं सुब्रत विश्वास से जब मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा नाही ऐसी कोई जांच की मांग की गई है और ना ही उनको इस विषय में कुछ पता है उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनका नाम इस्तेमाल कर समाज के सामने उन्हें बदनाम करना चाहता है जोकि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत है तो इसकी जांच होनी चाहिए मगर किसी का नाम लेकर इस तरीके का कार्य करना कानूनन अपराध है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को जिलाधिकारी से अवगत कराते हुए इस बात की मांग करेंगे कि आखिर कौन उनका नाम इस्तेमाल कर समाज के सामने उनकी छवि को धूमिल कर रहा है। फिलहाल जो भी हो इस मामले में एक बात तो स्पष्ट है कि बंगाली समुद्य के ही कुछ लोग इस मामले को गलत तरीके से उछालने का काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि जिन नौ शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की मांग की गई है वह सब के सब बंगाली समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और शिकायतकर्ता जिनका का नाम इस्तेमाल किया गया है। वह भी बंगाली समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। फिलहाल इस मामले से जनपद के शिक्षा महकमे के साथ बंगाली समुदाय में भी हड़कंप मचा हुआ है।