उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 के लिए भाजपा और कांग्रेस में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया अब पूर्ण रूप से अंतिम दौर में पहुंच गई है। प्रत्याशियों का चयन करते करते दोनों ही दल भावी असंतोष की चिंता से भी अवगत हैं। टिकट पाने से चूकने वाले नेताओं के बगावत करने का खतरा है। कांग्रेस में कई सीटों पर एक से ज्यादा का दावा है। जिन जिन का टिकट कटेगा उनमें ज्यादातर को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने तय माना जा रहा है। दूसरी तरफ कमजोर प्रदर्शन वाले विधायकों के टिकट काटने की तैयारी कर भाजपा में भी यही डर पसरा हुआ है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश भर में कांग्रेस में 70 विधानसभा सीटों के लिए 482 नेताओं ने टिकट के लिए दावा किया है। यानि एक सीट पर सात दावेदार। हालांकि 40 सीटों पर पार्टी सभी शीर्ष नेता एक-एक नाम पर सहमत हो चुके हैं। लेकिन 30 सीटें ऐसी हैं, जिन पर पार्टी के मजबूत नेता दावेदार है। पूर्व सीएम हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की ओर से इन तीस सीटों पर अपने अपने समर्थक नेता के रूप में 60 लोगों के नाम हाईकमान को दिए हैं। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता के अनुसार इन साठ के साठ लोगों में सभी चुनाव की पूरी तैयारी में है। इस बात की पूरी आशंका हैं कि टिकट न मिलने की स्थिति में कई लोग बगावत कर चुनाव लड़ सकते हैं। हर चुनाव में कांग्रेस को इन्हीं हालात से जूझना पड़ता है। पिछले चुनाव में 10 से ज्यादा सीटें कांग्रेस को बगावत की वजह से भी गवांनी पड़ी थी।