कभी प्रदेश को सबसे अधिक राजस्व का लाभ देने वाला जनपद ऊधम सिंह नगर का आबकारी विभाग आज मंदी के दौर से गुजर रहा है, अब आबकारी विभाग लगातार घाटे की ओर बढ रहा है, और सबसे अधिक लाभ देने वाली शराब की दुकानें आबकारी के राजस्व के करोडों का रुपया लेकर डूबो चुकि है, और इनसे होने वाली आय भी ठप पड चुकि है, जी हां ये उसी प्रदेश के जिले का हाल है जहां से कभी आबकारी को सबसे अधिक लाभ मिलता था, लेकिन अब ये हालात आबकारी के क्यों हुए और कैसे नुकसान में जा रहा आबकारी विभाग का राजस्व देखें हमारी ये रिपोर्ट।
दरअसल उत्तराखंड में पहले आबकारी से सबसे अधिक राजस्व प्रदेश को मिलता था, लेकिन अब वो राजस्व लगातार घटता जा रहा है, जिन शराब की दुकानों पर सबसे अधिक बिक्री हुआ करती थी वो दुकानें साल के बीच में ही बंद हो गयी है, ऐसे में नये टेंडर की प्रक्रिया तो हो रही है लेकिन कोई भी दुकानों को खरीदने के लिए तैयार तक नहीं है, जिसका सबसे बड़ा कारण दुकानों का अधिभार इतना अधिक कर दिया गया है कि कोई भी उन्हें लेने को तैयार नहीं ऐसे में आबकारी के राजस्व को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है, यही नहीं बची खुची मार उत्तर प्रदेश और दिल्ली में शराब की कीमतें उत्तराखंड से कम होने की वजह से उत्तराखंड में शराब की बिक्री पर खासा असर पडा है, जनपद ऊधमसिंह नगर की बात करें तो यूपी की सीमा से सटे उधमसिंह नगर जनपद में सस्ती कीमतों पर शराब यूपी से लायी जा रही है, जिसकी वजह से शराब की बिक्री पर प्रभाव देखा जा रहा है, वहीं आबकारी विभाग भी अब इस चिंतन में है कि आखिर उस घाटे से कैसे उभरें और यूपी से शराब की आमद को कैसे रोकें।