जनपद ऊधम सिंह नगर ट्यूशन पढ़ने आयी 6 वर्षीय छात्रा के साथ दुराचार करने के आरोपी शिक्षक को पॉक्सो की धाराओं में न्यायाधीश रीना नेगी ने 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 11, हज़ार रुपया जुर्माने की सजा सुना है। वही जुर्माने की धनराशि में से 90% पीड़ित छात्रा को मिलेगा।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि विजन पब्लिक स्कूल सितारगंज के प्रधानाचार्य जीवन बिष्ट पुत्र रघुवीर सिंह बिष्ट अपने घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे उन्हीं के स्कूल में एलकेजी कक्षा में पढ़ने वाली छह वर्षीय छात्रा से 18 जनवरी 2019 की शाम 04 बजे घर पर अन्य बच्चों के साथ ट्यूशन पढ़ने गई थी ट्यूशन पढ़ाने के बाद प्रधानाचार्य जीवन बिष्ट ने बाक़ी सभी बच्चों को उनके घर भेज दिया और इस 6 वर्षीय बच्ची को दूसरे कमरे में ले जाकर उसके साथ ज़बरन दुराचार किया। जब बच्ची अपने घर पहुँची तो उसकी माता ने उसे चलने में तक़लीफ़ होते देख पूछा तो उसने रोते हुए सारी बात बतायी बच्ची के गुप्तांग से उस समय खून बह रहा था। पीड़ित माशूम की माता ने थाने में आरोपी प्रधानाचार्य के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई पुलिस ने बच्ची का मेडिकल परीक्षण करवाया तो उसमें दुराचार की पुष्टि हुई। पुलिस सबइंस्पेक्टर बबीता गोस्वामी को इस गंभीर घटना की विवेचना सौंपी गयी जिन्होंने भाग दौड़ कर आरोपी को 20 जनवरी 2109 को गिरफ़्तार कर जेल भेजा। आरोपी दुराचारी के विरूद्ध न्यायाधीश रीना नेगी की कोर्ट में मुक़दमा चला जिसमें एडीजीसी विकास गुप्ता द्वारा 8 गवाह पेश कर आरोप को सिद्ध किया गया। जिसके बाद पॉक्सो न्यायाधीश रीना और नेगी द्वारा आरोपी प्रधानाचार्या जीवन बिष्ट को दुराचार के आरोप में 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा 11 हज़ार रुपए की जुर्माने की सजा सुना गई है।