आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल दमखम से रणनीतियां बनाने में जुटे हैं ताकि आगामी चुनाव को फतह किया जा सके। इसी क्रम में पिछले महीने उत्तर प्रदेश में एक जनसभा संबोधन के दौरान प्रियंका गांधी ने महिलाओं को 40 फ़ीसदी टिकट देने की बात कही थी। जिसके बाद अब उत्तराखंड में 40 फ़ीसदी महिलाओं को टिकट दिए जाने की मांग उठने लगी है। राष्ट्रीय महिला कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव अनुपमा रावत ने भी आलाकमान से उत्तराखंड राज्य में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने की मांग की है।
उत्तराखंड राज्य में कुल 70 विधानसभा की सीटें हैं ऐसे में कांग्रेस 40 फ़ीसदी जाने 28 सीटों पर महिलाओं की दावेदारी की बात कह रही है। जो कि सामान्य रूप से संभव नहीं है हालांकि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही अभी तक का इतिहास उठाकर देखें तो हर विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस करीब 8 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को उतारती आ रही है। तो वहीं, बीजेपी भी 5-6 सीटों पर हर विधानसभा चुनाव में महिलाओं पर दांव खेलती रही है। ऐसे में अब कॉन्ग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में कितनी सीटों पर महिलाओं को टिकट देती है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल छोटे से राज्य में महिलाओं को 40 फिर से टिकट देना, संभव नहीं लग रहा है।
इधर ऊधम सिंह नगर जनपद में भी कई विधानसभा सीटों पर कांग्रेस महिला कार्यकर्ता भी अपनी सक्रिय भूमिका के साथ विधायक पद की दावेदारी के मद्देनजर धरातल पर नजर आ रही हैं। बात की जाए तो सितारगंज, रुद्रपुर और गदरपुर विधानसभा में कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता अपने आप को चुनावी मैदान में उतार प्रत्याशी बनाने में जुटी हुई हैं। आपको बता दे सितारगंज से मालती विश्वास, रुद्रपुर से मीना शर्मा और गदरपुर से ममता हाल्दार,और शिल्पी अरोरा इनदिनों अपनी अपनी विधानसभा क्षेत्र में खूब पसीना वाहते हुए लोगो में अपने प्रति रुझान बनाने में जुटी हुई है।
सितारगंज विधानसभा
सितारगंज विधानसभा से विधायक पद की दावेदार कांग्रेस नेता मालती विश्वास सितारगंज से जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। उनके पति श्याम विश्वास का बीड़ी का बड़ा कारोबार है। श्याम बीड़ी वाले के नाम से वह प्रसिद्ध है। मालती विश्वास की बात करें तो वह 2017 का चुनाव लड़ने के बाद फिर कभी जनता के बीच दिखाई नहीं दीं। लेकिन एक बार फिर मौके की नजाकत और चुनावी समीकरण का आकलन करते हुए पुनः चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर रही हैं। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन दिनों मालती विश्वास लगातार धरातल पर मेहनत करती हुई दिखाई दे रही है। मालती विश्वास के लिए कहा जाता है कि बंगाली समुदाय के वोटरों में अब विश्वास जागा है। सितारगंज विधानसभा में काफी संख्या में बंगाली वोटर अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं कहा जा रहा है कि मौजूदा विधायक से बंगाली समुदाय नाराज है यही कारण है कि मालती विश्वास चुनावी समीकरण का आकलन करते हुए पूरी तरीके से चुनावी मैदान में दमखम के साथ उतर गई हैं और अब विधानसभा में होने वाले हर कार्यक्रम में मालती विश्वास सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
रुद्रपुर विधानसभा
रुद्रपुर विधानसभा से कांग्रेस की सबसे बड़ी दावेदार के रूप में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मीना शर्मा हो सकती हैं। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मीना शर्मा पिछले कई वर्षों से विधायक का चुनाव लड़ने का मन बना कर जनता के बीच हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में पहुंच कर जनता को लगातार लुभाने के लिए उनके बीच अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। मीना शर्मा कांग्रेस की सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में जिला मुख्यालय के साथ प्रदेश कार्यालय तक अपनी एक अलग ही छाप रखती हैं। रुद्रपुर में महानगर रुद्रपुर नगर निगम बनने से पहले नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में मीना शर्मा ने काफी विकास कार्य किए जिससे लोग अभी तक प्रभावित हैं। रुद्रपुर विधानसभा में वोट बैंक माने जाने वाले रमपुरा, ट्रांजिट कैंप और शहर की कई मलिन बस्तियों में मीना शर्मा अच्छी पकड़ रखती हैं और वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय भी हैं। ऐसे में मीना शर्मा कांग्रेस की ओर से विधायक की चुनाव के पहले नंबर की बड़ी दावेदार मानी जा रही हैं।
गदरपुर विधानसभा
गदरपुर विधानसभा से 2022 में विधानसभा चुनाव में पहली महिला दावेदार ममता हाल्दार है। ममता हाल्दार पिछले लम्बे समय से कांग्रेस के साथ जुड़ी है और कांग्रेस के झण्डे तले सत्ताधारियों की नीतियों पर आवाज़ बुलंद करती आ रही है और कार्यकर्ताओं में भी ममता अच्छी पकड़ रखती है। इस बार ममता ने गदरपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की मनसा को जाहिर करते हुए अपने आप को गद्दावर प्रत्याशी बनाने में चुनावी रण में उतर चुकी है।
गदरपुर विधानसभा से शिल्पी अरोड़ा कांग्रेस की महिला दावेदार है जो गदरपुर विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहती है। शिल्पी अरोड़ा लम्बे समय से कांग्रेस के साथ जुड़ी हुई है और कांग्रेस के हर कार्यक्रम में शिरकत करती है। कहा जाता है कि प्रदेश के कांग्रेस आला कमान में अच्छी पकड़ रखती है। शिल्पी अरोड़ा ने कई महिला संस्थानों की अध्यक्ष के तौर पर महिला समाज के लिये मजबूती से कार्य किया है और कांग्रेस की महिला कमेटी में उच्च पदों पर कांग्रेस के लिये कार्य किया है। शिल्पी अरोड़ा कांग्रेस की सक्रिय महिला नेता मानी जाती है। महिला समाज में भी शिल्पी अरोड़ा अच्छा पकड़ रखती है। वही पिछली बार टिकट ना मिलने से उन्होने कांग्रेस से बगाबत भी की थी लेकिन पार्टी हाई कमान ने शिल्पी को उस वक्त किसी तरह मना लिया था, इस बार शिल्पी अरोड़ा के दावेदारी पर कांग्रेस को बहुत सोच विचार करना पड़ सकता है। वही जानकारी के अनुसार वोटरो के बीच शिल्पी अरोड़ा की पकड़ थोड़ी कमजोर आंकी जाती है।
हालांकि इन विधानसभाओं के साथ ऊधम सिंह नगर के बाजपुर विधानसभा से भी रिजर्व सीट पर महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी हुई थी और
चुनाव लड़ने का सपना देख रही थी लेकिन यशपाल आर्य के कांग्रेस में घर वापसी आने के बाद से उनके चुनाव लड़ने की मंशा पर पानी फिर गया है ।
बहरहाल, जनपद ऊधम सिंह नगर के साथ पूरे प्रदेश में कांग्रेस 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देती है या नही, ये भविष्य के गर्भ में है। लेकिन जिस तरीके से कांग्रेसी महिलाओं और युवाओं को सम्मान देने की बात कर रही है उससे तो यही लगता है कि जनपद ऊधम सिंह नगर के विधानसभाओं में भी महिला प्रत्याशियों पर भरोसा जताते हुए उनको विधानसभा का टिकट दिया जाएगा।