जनपद ऊधम सिंह नगर के खटीमा कोतवाली क्षेत्र में साल 2012 में हुई 18 साल के युवक की हत्या के मामले कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है कोर्ट ने 18 साल के युवक की हत्या के लिए उसके तीन दोस्तों को दोषी मना है जिन्हें कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी है। इस मामले में एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है।
गला घोंटकर दोस्त की हत्या करने के मामले में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनते हुए युवक की हत्या के मामले कोर्ट ने मृतक के तीनों दोस्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही तीनों दोषियों पर 15 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्मान भी लगाया है। इस मामले में पुलिस ने चार दोस्तों को आरोपी बनाया था जिसमें एक की पहले ही मौत हो चुकी है वहीं तीन को आज सजा दी गई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने इस मामले में 16 गवाह पेश किए थे खटीमा कोतवाली क्षेत्र के मुंडेली गांव के रहने वाले रमेश चन्द्र इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनका 18 साल का बेटा रोहित पुनेरा जो कक्षा 12 में पढता है वह 1 नवंबर 2012 की शाम अपनी चाची के घर गया था. रात साढ़े 7 बजे उसे किसी ने फोन करके बाहर बुलाया और अपने साथ ले गया जिसके बाद वह घर वापस नहीं आया घर वालों और पुलिस ने खोज बीन की लेकिन उसका कोई भी सुराग नहीं लग पाया। 14 नवंबर को रोहित की सड़ी गली लाश ग्राम नौगांव पट्टी में एक गन्ने के खेत में पड़ी मिली थी रोहित की मफलर व दस्ताने से गला दबाकर हत्या की गई थी रोहित का एक लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था पुलिस द्वारा बताया गया कि रोहित के चाचा ब्याज पर रुपये बांटते थे और वह उस दिन चाचा के घर से 74 हजार रुपये ले गया था। इन्हीं दोनों कारणों को लेकर रोहित के चारों दोस्त प्रवीण चन्द्र, वीरेन्द्र सिंह ठाकुर उर्फ बबलू, इन्द्रमोहन सिंह खडायत निवासी ग्राम भुजिया नम्बर 3 थाना खटीमा और नरेन्द्र सिंह बिष्ट निवासी ग्राम नौगंवा ठगगू थाना खटीमा ने दस्ताने पहनकर मफलर से गला घोंटकर मार डाला पुलिस ने प्रवीण वीरेन्द्र व इन्द्रमोहन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जबकि नरेन्द्र ने कोर्ट में सरेंडर किया था। चारों के विरूद्ध द्वितीय अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश शादाब बानो की कोर्ट में मुक़दमा चला इस दौरान 9 अक्तूबर 14 में नरेंद्र सिंह बिष्ट की मौत हो गई। इस दौरान एडीजीसी अनिल कुमार सिंह द्वारा 16 गवाह पेश किए गए। मंगलवार को कोर्ट ने तीनों आरोपियों को धारा 302/34 और 201 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।