ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर भाजपा और विधायक राजकुमार ठुकराल की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही है। बीजेपी सूत्रों की माने तो कथित ऑडियो वायरल होने के मामले में उत्तराखंड की सह प्रभारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए विधायक को टिकट देने की दशा में सांसद पद से इस्तीफा देने की बात कही है, माना जा रहा है कथित ऑडियो सह प्रभारी से संबंधित है। जिससे बीजेपी हाईकमान अभी भी असमंजस की स्थिति में है और वर्तमान विधायक ठुकराल को अभी भी रुद्रपुर विधानसभा सीट से टिकट देने से गुरेज कर रही है।
वही रुद्रपुर विधानसभा सीट में टिकट के निर्धारण को लेकर भाजपा को और भी उलझन का सामना करना पड़ रहा है पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी और विधायक की ऑडियो वायरल होने के कारण भाजपा निर्णय लेने में लगातार संकोच कर रही है। इन सबके बीच अब एक बार फिर बंगाली समुदाय से जुड़े प्रतिष्ठित बंगाली कल्याण समिति के नगर अध्यक्ष ने अपनी युवा साथियों के साथ रुद्रपुर के संजय नगर दुर्गा मंदिर प्रांगण में बने क्लब हाउस में प्रेस वार्ता करते हुए उत्तम दत्ता को भाजपा से टिकट देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बंगाली समुदाय से जुड़े उत्तम दत्ता लंबे समय से पार्टी की निस्वार्थ भाव से सेवा करते आए हैं उनका पूरा परिवार 40 वर्षों से भी अधिक समय से भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहा है। आज उन्होंने भाजपा से टिकट की मांग की है। उन्होंने कहा कि उत्तम दत्ता सर्वसमाज के एक सम्मानित नेता है जिन्हें सभी समाज आदर और श्रद्धा के साथ देखता है दत्ता का किसी भी समाज में कोई विरोध नहीं है ऐसे में भाजपा पार्टी को उन्हें टिकट देना चाहिए। इतना ही नहीं नगर अध्यक्ष आलोक राय ने भाजपा को चेताते हुए कहां है कि इस बार अगर रुद्रपुर में राजनीतिक पार्टियों ने बंगाली समाज को या भाजपा ने उत्तम दत्ता को टिकट नहीं दिया तो बंगाली समाज अपने समाज से विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारकर सभी राजनीतिक पार्टियों और विशेषकर भाजपा का घोर विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि बंगाली समाज को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है पहले कांग्रेस और अब भाजपा बंगाली समुदाय के लोगों को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है अब यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तम दत्ता नहीं तो इस बार विधानसभा चुनाव में बंगाली समुदाय का कोई नेता विधानसभा का प्रतिनिधित्व करेगा ।
आपको बता दे ऊधम सिंह नगर जिले की तराई की तीन विधानसभा क्षेत्र गदरपुर,रुद्रपुर और सितारगंज बंगाली बाहुल्य क्षेत्र है। यह वो बंगाली है जो 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय के विभाजन के बाद तत्कालीन इंदिरा गाँधी सरकार ने इन्हे यहां बसाया था। इन्हे यहां मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई। अब यह बंगाली समाज राजनीतिक रूप से भी काफी मज़बूत हो गया है,लेकिन आज तक विभिन्न राजनीतिक दलों ने इन्हे वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। जब इनको सम्मान देने की बात आई तो सभी राजनीतिक दलों ने इनसे किनारा कर लिया। यहां तक कि राष्ट्रीय राजनीतिक दल भाजपा ने इनको एक टिकट देना भी गवारा नहीं किया। जिसको लेकर अब बंगाली समुदाय का गुस्सा सार्वजानिक रूप से फुट पड़ा है। जिसे नजरअंदाज करना भाजपा और सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए अब दुखदाई साबित हो सकता है।