प्रदेश उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच लखनऊ में बैठक 21 के दौरान दोनों राज्यों की परिसंपत्ति के लंबित मुद्दों को लेकर काफी देर तक चर्चा के बाद कई मुद्दों पर दोनों राज्यों की सहमति बनी है। लेकिन कई मुद्दे ऐसे हैं, जिनका हल नहीं निकला है।
लखनऊ में बैठक के दौरान वीवीआइपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम धामी ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच संपत्ति के स्थानांतरण को लेकर बात हुई है। 21 साल से जो मामले लंबित पड़े थे, उस पर सहमति बनी है। सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि पर दोनों राज्यों का संयुक्त रूप से सर्वे होगा और जो जमीन उत्तर प्रदेश के काम की है, वह उत्तर प्रदेश को मिलेगी। दोनों राज्य एक-दूसरे के साथ खड़े हैं।

आपको बता दें 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड यूपी से अलग होकर अलग राज्य बना था तभी से लगातार दोनो राज्यों के बीच परिसंपत्तियों के विभाजन को लेकर मामले फंसे हुए हैं। केंद्र के साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के कारण यह उम्मीद जताई जा रही थी कि परिसंपत्तियों से जुड़ी पहेली जल्द ही हल हो जाएगी। उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में चुनाव को अब कुछ ही महीने का समय शेष बचा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह का अपने पड़ोसी राज्य का दौरा रंग लाया है और दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बनगई। राजस्व विभाग को हस्तांतरित होने वाली कुंभ मेला की जमीन को लेकर भी बात हुई है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की अनुमति देनी है। इसके अलावा ऊधम सिंह नगर में धौरा, बैगुल और नानक सागर जलाशय में जल क्रीड़ा से पहले परीक्षण कराया जाना है। केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार उत्तराखंड वन विकास निगम को यूपी वन निगम को भी भुगतान किया जाना है। यूपीसीएल को बिजली बिलों का बकाया भुगतान देना है। इसके अलावा यूपी परिवहन के लखनऊ स्थित कार्यालय, कार सेक्शन फॉर कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला के विभाजन का फैसला होना।
आपको बता दे हरिद्वार, 21 साल के लंबित मसले हैं उसमे ऊधम सिंह नगर और चंपावत में 379 हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड को हस्तांतरित होनी है। हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और चंपावत में 351 आवासीय भवन यूपी से मिलने हैं। कुंभ मेला की 687.575 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई विभाग को हस्तांतरित होनी है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की सशर्त मंजूरी दी जानी है। यूएसनगर में धौरा, बैगुल, नानकसागर जलाशय में पर्यटन व जलक्रीड़ा से पहले परीक्षण कराया जाना है.केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, उत्तराखंड वन विकास निगम को यूपी वन निगम में संचित व आधिक्य धनराशि 425.11 करोड़ में से 229.55 करोड़ की धनराशि उत्तराखंड मिलनी है.वाहन भंडार की 2061 की धनराशि का भी भुगतान होना है। यूपीसीएल को बिजली बिलों का 60 करोड़ का बकाया देना है। उत्तराखंड गठन के बाद 50 करोड़ मोटर यान कर उत्तराखंड परिवहन निगम को दिया जाना था, जिसका 36 करोड़ बकाया है। अजमेरी गेट स्थित अतिथि गृह नई दिल्ली, यूपी परिवहन के लखनऊ स्थित मुख्यालय, कार सेक्शन और कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला व ट्रेनिंग सेंटर के विभाजन का निर्णय होना है।