उत्तराखंड के पहले पिच क्यूरेटर मोहन सिंह अबू धाबी में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह घटना तब हुई है जब रविवार को अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के निर्णायक मैच होना था। उत्तराखंड के पहले पिच क्यूरेटर मोहन सिंह की मौत के सही कारणों का पता फिलहाल नहीं चल पाया है। रविवार को अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए महत्वपूर्ण मैच से ठीक पहले हुई इस घटना के बाद सभी एजेंसियां सकते में हैं कि आखिर इतने बड़े मैच से ठीक पहले पिच तैयार करने वाले एक्सपर्ट के साथ ऐसा क्या हुआ था. हालांकि जांच एजेंसियों ने अपना काम शुरू कर दिया है लेकिन अभी कई ऐसे अनसुलझे सवाल हैं जिनका जवाब हर किसी के जेहन में है.
आपको बता दें कि उत्तराखंड में गढ़वाल के रहने वाले मोहन सिंह वर्ष 2004 से लगातार पिच क्यूरेटर के तौर पर कार्य कर रहे थे. पिच क्यूरेटर की ट्रेनिंग लेने के बाद से ही वह अबू धाबी में कार्यरत थे। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई उनकी मौत पर स्थानीय प्रशासन ने जानकारी दी है कि न्यूजीलैंड-अफगानिस्तान मैच से ठीक पहले वह अपने कमरे में मृत पाए गए। उसी शेख जायद स्टेडियम के विकेट पर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और वेस्टइंडीज की टीमों के मैच भी हुए थे। सभी विकेटों को भी मोहन सिंह ने ही तैयार किया था। मोहन सिंह की मौत को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले भी विश्व कप के दौरान ऐसा हो चुका है। 17 मार्च 2007 को पाकिस्तान की टीम के वर्ल्ड कप से हारकर बाहर होने के बाद होटल में उनके कोच बॉब वूल्मर की डेड बॉडी मिली थी। किंग्स्टन, जमैका में उनके होटल रूम के बाथरूम से उनकी लाश मिली थी. दरअसल इससे एक दिन पहले ही पाकिस्तान टीम को आयरलैंड से बुरी तरह से हार मिली थी. इसके साथ ही वो विश्व कप से भी बाहर हो गई थी।
वही भारत टी20 विश्व कप से बाहर हो चुका है। ऐसे में भारतीय मूल के पिच क्यूरेटर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने भी सवाल खड़ कर दिये हैं. मैच फिक्सिंग के आरोपों ने पहले इस जेंटलमैन खेल को सेंसेशनल बनाया हुआ है. उस पर भारत के नजरिये से इस महत्वपूर्ण मैच से पहले पिच क्यूरेटर की मौत बड़ा संदेह पैदा करती है