काशीपुर। विश्व नदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट काशीपुर के निदेशक प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड में भी केरल की तर्ज पर नदियों का सरंक्षण करना होगा, जहां आज भी सुरक्षित नदियों के किनारे शहर भी आबाद हैं। इस दौरान नदियों की देखभाल व रक्षा करने के लिए खुद से शुरुआत करने का आह्वान भी किया गया। काशीपुर डेवलेपमेंट फोरम के अध्यक्ष राजीव घई ने कहा कि उत्तराखंड के गठन में नगर के लोगों का मुख्य योगदान रहा है, फिर भी इसका अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा है। कोशिश की जाए तो सूख चुके द्रोणाचार्य सागर में बारिश का पानी एकत्रित किया जा सकता है। इससे वाटर लेवल भी सुधरेगा। ढेला और कोसी नदी के बीच बसे काशीपुर में एजुकेशन सेक्टर के विकास पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बलूनी ने कहा कि जीवन के लिए जरूरी हवा, पानी और भोजन के संरक्षण के लिए सबको अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने बताया कि वह संस्थान के विद्यार्थियों को हमेशा माइकल क्रेन बुक पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारी राजेश सिन्हा ने बताया कि सरकार ने प्रत्येक जिले में नदियों की साफ-सफाई के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। उन्होंने बताया कि देश में 18 प्रतिशत जनसंख्या 2-4 प्रतिशत भू-भाग पर रहती है। चीन की तुलना में हम ज्यादा पानी खर्च करते हैं। जबकि हर किसी को इसकी बचत करनी चाहिए।
तपस कुमार विश्वास
संपादक