देहरादून। आगामी 20 नवम्बर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे। आज दशहरे के मौके पर बदरीनाथ धाम बंद होने की तिथि तय की गई। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर छह नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। जबकि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर पांच नवंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए बंद किए जाएंगे। मुनोत्री धाम के कपाट बंद होने का मुहूर्त एक सप्ताह के अंतराल में निकाला जाएगा। तय हुआ कि केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर 6 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। वहीं द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए 22 नवंबर को सुबह साढ़े आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जाएंगे। जबकि डोली आगमन पर मद्महेश्वर मेला 25 नवंबर को आयोजित होगा। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दोपहर एक बजे अपराह्न शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पुजारी-आचार्यगणों एवं पंचगाई हक-हकूकधारियों तथा देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि तय की गई। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय हुई है। कपाट बंद होने के पश्चात भगवान मद्महेश्वर की चलविग्रह डोली 22 नवंबर को गौंडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया प्रवास करेगी। 25 नवंबर को चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। 25 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित किया जाएगा। तुंगनाथ की चलविग्रह डोली 30 अक्टूबर को चोपता, 31 अक्टूबर को भनकुंड तथा एक नवंबर को गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर में विराजमान होंगी। इसी के साथ गद्दीस्थलों में शीतकालीन पूजा शुरू हो जाएंगी। इस अवसर पर वेदपाठी यशोधर मैठाणी, पुजारी शिवशंकर लिंग, पुजारी गंगाधर लिंग, सहायक अभियंता गिरीश देवली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल आदि मौजूद रहे।
तपस कुमार विश्वास
संपादक