रामनगर के कार्बेट टाइगर रिजर्व के मोहान में हाईवे पर बाइक सवार युवकों पर बाघ ने हमला कर दिया। बाघ बाइक पर पीछे बैठे युवक को उठाकर जंगल की ओर ले गया। सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम ने देर रात तक युवक की तलाश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। सुबह पुनः सर्च अभियान शुरू किया गया लेकिन युवक का हाथ ही मिल पाया।
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के तहसील हसनपुर गांव जिहल निवासी 25 वर्षीय अफसारुल उर्फ भूरा पुत्र बाबू अपने साथी मो. अनस पुत्र शकील अहमद के साथ घूमने के लिए निकले थे। वह पहले नैनीताल फिर रानीख्ेत होते हुए अल्मोड़ा घूमने निकल गए। शनिवार देर शाम को अल्मोड़ा से वाया रामनगर होते हुए वह अमरोहा को जा रहे थे। बाइक अनस चला रहा था। रात सवा आठ बजे वे रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत कोसी रेंज के मोहान क्षेत्र में पहुंचे। इस बीच घात लगाए बाघ ने उन पर हमला कर दिया। हमले से बाइक अनियंत्रित हुई तो दोनों सड़क पर गिर गए। बाघ पीछे गिरे अफसारुल को ख्ींचकर जंगल की ओर ले गया। शोर मचाते हुए हिम्मत जुटाकर अनस बाइक उठाकर मोहान चौकी पहुंचा। इसके बाद सीटीआर का स्टाफ व रामनगर कोतवाल अरुण सैनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। तत्काल लापता अफसारुल की तलाश की गई, रात को काफी देर तक सर्च अभियान चलाया गया लेकिन अंधेरा होने के कारण अभियान बंद करना पड़ा। रविवार की सुबह फिर जंगल में सर्च अभियान शुरू हुआ। जेसीबी मशीनों की मदद से जंगल में झाड़ियों को काटकर सर्च अभियान चलाया गया जिसके बाद लापता युवक का एक हाथ बरामद हुआ जबकि पूरा शव बरामद नहीं हुआ। मामले में रामनगर वन प्रभाग की कोसी रेंज के रेंजर शेख्र तिवारी ने बताया कि सर्च अभियान अभी जारी है साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से जंगल में अकेले ना जाने की अपील करते हुए उनसे सतर्क रहने को कहा है।
उधर साथी को बाघ के खींच ले जाने के बाद से अनस सहमा है। उसे अपने साथ हुई ऐसी घटना का विश्वास नहीं हो रहा है। अनस ने बताया कि बाघ ने जैसे ही झपट्टा मारा तो एक पल के समझ नहीं आया कि क्या हुआ।बाघ देख् कर उसके होश उड़ गए। जब तक उसका दोस्त उठने की कोशिश करता बाघ ने उसे अपने जबड़े में दबोच लिया। झपटने के दौरान बाघ का पंजा उसे भी लगा है। वन कर्मियों ने अफसारुल के मोबाइल पर काल भी की तो घंटी बजती रही। वही हाईवे पर युवक को बाघ द्वारा निवाला बनाये जाने के बाद ग्रामीण भड़क गये। ग्रामीणों ने वन विभाग के ख्लिाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए हाईवे जाम कर दिया। ग्रामीणों ने रोष जताते हुए कहा कि इस इलाके में पिछले लंबे समय से बाघ का आतंक बना हुआ है लेकिन वन विभगा इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। ग्रामीणों का कहना था कि कई लोगों ने इस इलाके में चार बाघ देख्े हैं तथा बाघ कई पालतू जानवरों को अपना शिकार बनाने के साथ ही ग्रामीणों पर भी हमला कर चुके हैं वही बाघ के आतंक के बाद अब बच्चों का स्कूल जाना भी ख्तरे से खली नहीं है। ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे जाम करते हुए वन विभाग के ख्लिाफ प्रदर्शन एवं नारेबाजी करते हुए गांव में घूम रहे बाघों को तत्काल पकड़ने की मांग की। बाघ के हमले की घटना के बाद ग्रामीणों द्वारा लगाये गये जाम मे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी फंस गये। हाईवे से गुजर रहे पूर्व सीएम हरीश रावत जब जाम में फंसे तो उन्होंने जाम लगने के बारे में जानकारी ली और प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचकर उनकी बात सुनी। उन्होंने बाघ के हमले की घटना पर दुख जताते हुए कहा कि बाघ की गतिविधिया कई दिनो से देखी गयी हैं ऐसे में वन विभाग को इस पर कार्रवाई करके ग्रामीणों को राहत दिलानी चाहिए।