प्रदेश में एक बार सत्ता सुख भोगने के चक्कर में दलबदल की राजनीति को बढ़ावा देने वाले पूर्व मंत्री यशपाल आर्या की मुश्किले कम होती नजर नहीं आ रही है। काफिले पर हमले और लगातार आलोचनाओं के शिकार पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके पुत्र नैनीताल के निवर्तमान विधायक संजीव आर्य पर एक बार फिर पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किन्दा ने एक होटल में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार एवं आय से अधिक निजी संपत्तियों की सीबीआई तथा ईडी से जांच कराने हेतु केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार को पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की जानकारी साझा की है ।
पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किन्दा ने कहा की यशपाल आर्या के पूर्व राजस्व मंत्री रहते हुए घोटाले की जांच जिसमें किसान एवं अधिकारियों पर तो कार्रवाई हुई और जेल भेजा गया परंतु सत्ता के दवाब में भ्रष्टाचार के जिम्मेदार मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।आपदा प्रबंधन का विभाग भी इन्हीं के पास था केदारनाथ आपदा घोटाले समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला सहकारिता विभाग में रहते हुए अपने पुत्र पूर्व विधायक संजीव आर्य को उत्तराखंड राज्य की सरकारी बैंकों का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।जिसमें नोटबंदी के समय पर अवैध रूप से नोट बदले जाने की चर्चाएं आम तौर पर रही जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। परिवहन मंत्री रहते हुए बस खरीद घोटाला हुआ जो पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना रहा। इसमें भ्रष्टाचार के निर्दोष लोगों पर भी आरोप लगे जिसकी वजह से कई अधिकारियों कई किसानों को जेल भी जाना पड़ा था। पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किन्दा ने इन सभी मामलों में केंद्रीय गृह मंत्रालय से सीबीआई एवं सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली ईडी से जांच कराने की मांग की है।