देश के राष्ट्रीय राजमार्गों में पड़ने वाले टोल प्लाजा में अब 1 अप्रैल से ज्यादा शुल्क चुकाना होगा। एनएचएआई ने 10 फीसदी तक शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच अब टोल महंगा होने से लोगों को यात्रा में दोहरा झटका लगेगा। प्राइवेट और टैक्सी कार का सफर महंगा होने का सीधा असर जनता की जेब पर पड़ेगा। तो वहीं इससे रोडवेज पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा।
दिल्ली रूट की बात करें कुमाऊं की रोडवेज बसों को 5 टोल प्लाजा से होकर गुजरना होता है। इनमें 190 रुपये से लेकर 440 रुपये तक टोल चुकाना होता है। वहीं देहरादून की बात करें तो यहां जाते समय रास्ते में 4 टोल आते हैं। तीन टोल प्लाजा में 500-500 और एक में 580 रुपये टोल देना होता है।जबकि, निजी कार या टैक्सी से दिल्ली जाने के लिए 5 टोल प्लाजा पर 25 रुपये 130 रुपये तक शुल्क पड़ता है। 1 अप्रैल से लागू हो रही नई दरों के हिसाब से बात करें तो कार से यात्रा करने पर लोगों को टोल पर 2.5 से 13 रुपये तक अतिरिक्त भुगतान करना होगा। वहीं रोडवेज बसों को 19 रुपये से 58 रुपये तक ज्यादा देने होंगे।
वही टोल शुल्क बढ़ने से उत्तराखंड रोडवेज पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ना तय है। उत्तराखंड निगम के कर्मचारी संगठनों की ओर से किराया बढ़ाए जाने की मांग उठने लगी है। उत्तरांचल कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमल पपनै ने बताया सरकार ने दो साल पहले बस किराये में इजाफा किया था। उस समय डीजल 62 रुपये के करीब था। आज 91 रुपये के पार पहुंच गया है। जबकि किराया पुराना है। निगम पहले से घाटा झेल रहा है। अब टोल शुल्क भी बढ़ने वाला है। ऐसे में निगम प्रबंधन से मांग है कि जल्द किराये में इजाफा करे।