इंटराक श्रमिकों के समर्थन में श्रमिकों के बच्चों ने मण्डलायुक्त पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए श्रम भवन पर श्रमिकों के साथ जोरदार प्रदर्शन कर धरना दिया। साथ ही कुमाऊँ आयुक्त का वायदा 2 दिन के भीतर पूरा न होने पर श्रम भवन में 8 जून को बाल पंचायत करने का ऐलान किया।
आपको बता दे इन्टरार्क कंपनी सिडकुल पन्तनगर में कार्यरत मजदूरों के बच्चे आज अपनी माताओं मजदूरों किसानों और आम जनता के साथ में श्रम भवन रुद्रपुर पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान आक्रोशित बच्चों का कहना था कि 1 जून 2022 को बच्चों द्वारा कुमाऊँ आयुक्त नैनीताल के कार्यालय के समक्ष बाल सत्याग्रह किया था। उस दौरान मण्डलायुक्त ने बच्चों को वचन दिया था कि दो दिन के भीतर इन्टरार्क कंपनी सिडकुल पन्तनगर की तालाबन्दी खुल जायेगी और सभी मजदूरों को 3 माह का पूरा वेतन दे दिया जायेगा। मजदूरों को काम पर बहाल कर दिया जायेगा। यदि कंपनी द्वारा मजदूरों को 3 माह का वेतन न दिया गया तो सहायक श्रमायुक्त द्वारा कंपनी की तत्काल रिकवरी चालान काटा जायेगा और प्रशासन तत्काल उसकी वसूली कर मजदूरों को 3 माह की पूरी सेलरी दिलायेगा। लेकिन मामले में सहायक श्रमायुक्त अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे है। मजदूरों को 3 माह का वेतन दिलाने और कंपनी की तालाबन्दी खत्म कराने की दिशा में कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाये गये है। जबकि हाईकोर्ट उत्तराखंड के 1 अप्रैल 2022 के आदेश के क्रम में उत्तराखंड शासन द्वारा 30 मई 2022 को कंपनी की तालावन्दी को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। इसके बाद भी सहायक श्रमायुक्त व जिला प्रशासन मौन धारण कर उक्त गैरकानूनी कृत्य को ही बढ़ावा दे रहे है। जिस कारण से पिछले 3 महीनों से हमारे पापा का गेट बंद है और वेतन भी न मिला है। श्रमिकों के बच्चों का कहना था कि वह सही से खाना भी न खा पा रहे हैं और स्कूल की फीस भी जमा नहीं कर पाये हैं और नहीं कॉपी किताबें खरीद पाये है। जिससे उनका भविष्य बर्बादी हो रहा है। अंत में बच्चों ने सहायक श्रमायुक्त रुद्रपुर को ज्ञापन प्रेषित कर चेतावनी दी कि यदि 2 दिनों के भीतर कुमाऊ आयुक्त के वचनों को पूरा कर 3 माह का पूरा वेतन नहीं दिया गया और काम पर बहाल नहीं किया गया तो 8 जून को श्रम भवन रुद्रपुर में मजदूरों , किसानों, महिलाओं, सामाजिक संगठनों और छात्रों, नौजवानों संग मिलकर बाल पंचायत की जायेगी। कार्यक्रम का संचालन डॉली ने किया।