जनपद ऊधम सिंह नगर के काशीपुर में बैंक में नौकरी लगाने के नाम पर दर्जनभर युवाओं से शातिर दिमाग दंपतियों द्वारा 32 लाख रूपयों से भी अधिक की रकम ठगे जाने का हैरतअंगेज मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने डीआईजी के निर्देश पर धोखाधड़ी के उक्त मामले में आरोपी दंपतियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस को तहरीर देकर कुंडेश्वरी निवासी अतुल कुमार पुत्र दिनेश कुमार ने बताया कि
कुंडेश्वरी निवासी जगबीर सिंह तथा उसकी पत्नी चित्रा सिंह से उसकी जान पहचान थी। वर्ष 2015 के जून माह में चित्रा द्वारा शिकायतकर्ता को बताया गया कि मृदुल विहार कॉलोनी शिव मंदिर के समीप पीली कोठी हल्द्वानी जनपद नैनीताल निवासी रितेश पांडे पुत्र चंद्रमोहन पांडे तथा उसकी पत्नी पिंकी पांडे सरकारी विभाग में नौकरी लगवाने का काम करते हैं। इस दौरान शिकायतकर्ता के पुत्र अजय की बैंक में नौकरी लगवाने की बात 12 लाख रुपयो में तय होने पर दंपति की बात पर भरोसा कर 6 लाख दे दिए। कुछ दिन बाद दंपत्ति ने कहा कि सरकारी नौकरियों में कुछ और भी पद खाली है जान पहचान के लोगों से बात कर उनका काम करा दो इस पर विश्वास कर शिकायतकर्ता ने अपनी जान पहचान वाले सूरज राज कुमार प्रभात गौतम चंद्रपाल सुनील नितिन कुमार कंचन सुखविंदर सिंह महेंद्र सिंह रंजीत सिंह मनोज आदि से इस बारे में बात की। सभी ने कुल मिलाकर 32 लाख 60 हजार रुपए नौकरी के नाम पर आरोपी दंपतियों को दे दिए। लेन-देन जगबीर चौधरी के घर पर हुआ। इसके बाद जब जॉइनिंग लेटर देने की बात आई तो आरोपी पक्ष द्वारा टालमटोल शुरू हो गया। शक होने पर जब बारीकी से इस मामले की जांच की तो पता चला कि नौकरी लगाने के नाम पर सीधे-सीधे युवाओं को ठगने का काम किया गया। वर्ष 2019 की 28 फरवरी को भारी दबाव बनाए जाने पर रितेश पांडे की पत्नी पिंकी पांडे ने इस टाइम पेपर पर रकम वापस किए जाने की बात लिख कर दी लेकिन बाद में वह वादे से मुकर गई। शिकायतकर्ता ने डीआईजी को दिए पत्र में बताया कि उसके परिचितों ने जब रुपए वापस करने के लिए दबाव बनाना शुरू किया तो लोन लेने के अलावा घर मकान जेवर आदि तमाम बेचकर किसी तरह लोगों की कर्ज अदा किए इस दौरान आत्महत्या करने की नौबत तक आ गई। पुलिस ने धोखाधड़ी के इस मामले में तहरीर के आधार पर शातिर दिमाग दंपतियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी।
तपस कुमार विश्वास
संपादक