प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के नामांकन का दौरा शुरू हो गया है, भाजपा ने 59 तो कांग्रेस ने 53 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियां फूंक फूंक कर प्रत्याशियों का चैन कर रही है, ताकि वह सत्ता तक पंहुच सके। लेकिन मतदाताओं को तय करना है कि वह किसका भाग्य लिखेंगे।
जनपद ऊधम सिंह नगर की बात करें तो जिले में विधानसभा की नौ सीटें हैं। वर्तमान में 9 में से आठ पर भाजपा का कब्जा है, बर्ष 2012 हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को 07सीटो पर जीत मिली थी,यानी की ऊधम सिंह नगर भाजपा का गढ़ है, सत्ता की चाबी यही से खुलेगी यह भी तय है, लेकिन इस बार हालत बदले हुए नजर आ रहे हैं, वर्तमान में मौजूद राजनीतिक समीकरण यदि मतदान तक जारी रहा तो इस बार भाजपा का हाल कांग्रेस के हाथ के हाल की तरह हो जाएगा। राजनीति से जुड़े सूत्रों की मानें तो भाजपा जसपुर जो उसकी पुरानी सीट है उसके साथ ही काशीपुर,बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा, नानकमत्ता सीट पर कांग्रेस जीत दर्ज करने की स्थिति में है, सितारगंज सीट कांग्रेस के प्रत्याशी तय करने हुई चूक की बजह भाजपा के खाते में जा सकती है,वहीं खटीमा में कांटे की टक्कर होगी, वैसे रुद्रपुर विधानसभा में भाजपा ने अभी तक अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है, लेकिन कांग्रेस की मीना के प्रति लोगों का रुझान अभी से दिख रहा है,उससे कोई भी वर्तमान दावेदार हारता नजर नहीं आ रहा है। किच्छा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी तय होने के बाद समीकरणों को देखें तो एंटी इंक्वैन्शी और अपनों के विरोध भाजपा प्रत्याशी को भारी पड़ सकता है,जिसका लाभ सीधे 10 साल जीत से दूर बेहड को मिलता दिख रहा। किच्छा में जातीगत समीकरण तो कांग्रेस के पक्ष में है ही,वहीं भाजपा के पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष श्रीकांत के परिवार के साथ अन्य पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा लगाए जा रहे आरोप का असर भी देखने को मिलेगा। युवाओं के चहेते और पूर्वांचल के साथ अन्य लोगों के दिलों में बसने वाले अजय तिवारी भी भाजपा प्रत्याशी की नींद उड़ाए हुए हैं। इधर गदरपुर सीट पर कांग्रेस द्वारा उतारे गया बंगाली प्रत्याशी भाजपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री पाण्डेय पर भारी पड़ सकता है,बात काशीपुर की करें तो इस बार वहां पर भाजपा के लोग ही भाजपा के प्रत्याशी को हराने में अहम भूमिका निभायेंगे। वह की मेयर के साथ कई बड़े चेहरे भाजपा से इस्तीफा दे चुके हैं, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र को टिकट देने से वहां के अन्य भाजपाई भी काफी असंतोष बताया जा रहा। जिससे साफ की इस बार काशीपुर में भाजपा संकट में है, बाजपुर सीट पूर्व मंत्री यशपाल की पुस्तैनी सीट बन चुकी है,यह पर भाजपा की तरफ से राजेश सिंह को टिकट दिया गया। लेकिन राजेश यशपाल आर्य का कितना मुकाबला कर पायेंगे यह सभी जानते हैं। यानी की तस्वीर पूरी तरह साफ है, इसबार हवा भाजपा के विपरित चल रही है,जिसे भाजपा रोक पायेगी इसकी उम्मीद भी नहीं है,इस हवा को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा को अब किसी चमत्कार की जरूरत है।